बुधवार, 31 जुलाई 2013

हमने तुमको चाहा है मेरा यकीन करो दिल के हर धड़कन मे बसा लुगा मेरा यकीन करो

हमने तुमको चाहा है मेरा यकीन करो
दिल के हर धड़कन मे बसा लुगा मेरा यकीन करो

 कोई चाहेगा मुझसे ज़्यादा तो बताना सनम
तेरे आसुओ को अपने पलको पे लुगा मेरा यकीन करो

चाहत का सिला तो क्या देगी मुझको
मैं तेरा हर मोड़ पे साथ दुगा मेरा यकीन करो

मेरे प्यार को ना समझने वाली
साया बनके तेरा साथ दुगा मेरा यकीन करो

मुझको गले लगाती तो सूखे शाख पे गुल खिलते
तेरे हुस्न की तारीफ़ मैं रोज इक नयी ग़ज़ल लिखुगा 

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