काहें लायो नथुनिया उधार बालमा
ताना मारेला हमके सोनार बालमा
नथुनी पहिनि हम गइलीं बजरिया
जइसे पड़ल मुअना के नजरिया
अंगुरी देखावे बार बार बालमा
काहें लायो नथुनिया उधार बालमा
ताना मारेला हमके सोनार बालमा
एक बात कहीं हम तोहसे सजनवा
अबला के आबरू, ह असली गहनवा
मान, मर्यादा ह सिंगार बालमा
काहें लायो नथुनिया उधार बालमा
ताना मारेला हमके सोनार बालमा
सागर सनेही संइया मान मोर बतिया
देई द उधार चाहे बेंचि द जजतिया
भलही घर में लागी केवाड़ बलमा
काहें लायो नथुनिया उधार बालमा
ताना मारेला हमके सोनार बालमा
रचना - विद्यासागर स्नेही
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