इंसानियत के नाम को ऐसे न तुम बदनाम करो ।
युवाओं को नौकरी देकर उनका भी सम्मान करो।।
खेत मे रोज परिश्रम करके बाप बेटे को पढ़ता है।
और पूछता इतने में कैसे सब कुछ हो जाता है।।
इस खून पसीने की कमाई को ऐसे न बर्बाद करो।
युवाओं को नौकरी.......
नमक रोटी और कुछ बिस्किट के साथ बच्चे रहते है
हरदम भूखे पेट अन्न धन के अभाव सोते है।।
इनके इस बलिदान को व्यर्थ न सरे आम करो।
युवाओं को नौकरी............
बेरोजगारी में ये कैसा सविंदा का प्रारूप नया।
उधर लड़का कहता है प्राइवेट से है सरकारी बड़ा
लोगों के आत्मविश्वास को ऐसे न शर्मशार करो
युवाओ को नौकरी दो.........
रचना- लव तिवारी
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Superb
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