बहुत तलाश किया तुम्हें, तुम्हारे जाने के बाद।
मिलता नही कोई फिर, बिछड़ जाने के बाद ।।
मुझको भी चाहिए हमेशा, तुम्हारे रुख का दीदार हो ।
सफर ऐसे ही गुजर जाती है, बसअफ़साने के साथ ।।
क्या खता हुई जो तुम, इतना बदल गए ।
छोड़कर जाना था, तो जाते मेरे मरने के बाद ।।
आदमी हूँ मुझको भी, मोहब्बत की जरूरत है।
क्यो बदले तुम एकाएक, मुझें इतना चाहने के बाद।।
अब नही होगा किसी गैर से, मुझको मोहब्बत।
बदन ओढ़ लेगा कफ़न, तुम्हारे हसरतों के बाद।।
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