मध्यप्रदेश भारत देश का एक अनोखा राज्य जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता का अनोखा पहचान इसके पीछे भारत देश में इसकी भगोलिक स्थिति का मध्य होना है, आज कल तो विशेष रूप को सुशोभित करता यह प्रदेश क्यों की महाकुंभ की आस्था को संजोता महाकाल की नागरी उज्जैन पुरे भारत के विभिन्न नगरो के लोगो जमावड़ा , आस्था भक्ति विश्वास को संजोता यह धार्मिक पर्व - महाकुम्भ
मध्यप्रदेश से निकलते समय इस बात की जानकारी हुयी क़ि वहाँ की शिवराज सरकार ने आरछण के आधार पर होने वाले प्रमोशन को बंद कर दिया है, इस बात की ख़ुशी मिली , दोपहर के समय जब हम घर से रेलवे स्टेशन की तरफ निकले रस्ते में ऑटो की सवारी कर स्टेशन को जाना था ,ऑटो वाले भाई से जब हम आरक्षण का जिक्र किये तो भाई भी बोला की दोस्त हम भी आरछण विरोधी है , फिर झट से मैंने दोस्त की जात का पता किया उसने बोला की श्रीमान हम जाती से हरिजन है , मैंने कहा की तब तो आप को इसका विरोध करना चाहिए तब उस व्यक्ति ने एक ऐसी बात बोली की मैं दंग रह गया , बोला आरछण हम को अपंग बना रही है और योग्य #व्यक्ति को उस जगह पर बैठने का अधिकार है, अगर योग्य व्यक्ति को आज के समय नौकरी नहीं दिया जाय तो सारे काम सही ढंग से न होकर ख़राब और सुस्त रूप को धारण करेगे ,जब मैं छोटा था तो मेरे पिता जी का स्वर्गवास हो गया माता जी भी 4 ,5 साल की उम्र में परलोक सिधार गयी, पालन पोषण दादा दादी ने किया ,आज कल सरकार के द्वारा जो हम सबको 4 से 10 किलो अनाज मिलता है उसके आधार पर रिक्शे वाले कहते जब घर बैठे खाने को मिल रहा है तो कमाने की क्या जरुरत, आरक्षण विरोधी समाज का वो पड़ा लिखा वर्ग भी है जो किसी जाति धर्म को न देख कर देश का वास्तविक विकास चाहता है, लेकिन राजनीती में बैठे देश के वो गद्दार जो आरक्षण और जाति धर्म को मोहरा बनाकर देश के साथ दुर्व्यवहार करते है और वोट बैंक की राजनीति
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