कौन दर्द सुनेगा तेरा, अब नही घाव दिखाने को
देश की इस धरती पर, बचा न कुछ और गवानें को
भारत की मर्यादा को संभाले देश का एक किसान ही है,
देश की धरती सोना उगले उसका एक अरमान भी है,
बिलख रहा है आज किसान, फूल बना अंगारे जो
अन्न ,जीवन नही होगा धरती पर, लोग मरेगे दाने को
राजनीति में पिसता रहता ,देश का नेक किसान भला
देश का नेता दुखड़ा रोये, इससे फर्जी इंसान कहाँ
झेले सीने पर कहर प्रकृति का, फिर झेले राजनीति को
देश का सच्चा किसान यहाँ, फिर खेले मौत की कहानी को
प्रस्तुति - लव तिवारी
संपर्क सूत्र- +91-9458668566
Visit- www.lavtiwari.blogspot.in
देश की इस धरती पर, बचा न कुछ और गवानें को
भारत की मर्यादा को संभाले देश का एक किसान ही है,
देश की धरती सोना उगले उसका एक अरमान भी है,
बिलख रहा है आज किसान, फूल बना अंगारे जो
अन्न ,जीवन नही होगा धरती पर, लोग मरेगे दाने को
राजनीति में पिसता रहता ,देश का नेक किसान भला
देश का नेता दुखड़ा रोये, इससे फर्जी इंसान कहाँ
झेले सीने पर कहर प्रकृति का, फिर झेले राजनीति को
देश का सच्चा किसान यहाँ, फिर खेले मौत की कहानी को
प्रस्तुति - लव तिवारी
संपर्क सूत्र- +91-9458668566
Visit- www.lavtiwari.blogspot.in
0 comments:
एक टिप्पणी भेजें