तुम्हारी स्मृति में
बंद किताबो में एक सूखे फूल की वो टूटे पंखुड़ियों का समूह तुम्हारे जीवन में कुछ पल होने का याद दिलाता है, वो पल आज भी उसी तरह महसूस होते है और तुम्हारी नटखट और खूबसूरत अदाओ को याद दिलाते है , उन्ही यादो के खूबसूरत पल में एक पल ये भी था कि जिंदगी भले रूठ जाय, पर प्रियतम तुम न रुठोगी, मगर आज बारिश की चंद बूदों की खुशनुमा अहसास तुमारी यादो के एक बार फिर से तजा कर दिया, ये बारिश भी क्या अजीब ढंग से जिंदगी के दोनों पहलुओ को बया कराती है हलकी और रिमझिम बारिश जहा तुमारे खूबसूरत और हसींन अदाओ की एक झलक को याद दिलाती है, वही तेज हवाओ और घनघोर बारिश तुमारे रूखेपन की, जिस तरह भारी बारिश घर के साथ फसल और अन्य कई कारको पर बुरा प्रभाव डालता है ,उसी तरह तुमारे रूखेपन और नाराजगी ने मेरे भी कई मसलो को उलझन में डाल रखा है , उजड़े बस्ती और विरानिओ को तो अकसर हमने बस्ते देखा है ,और अकसर पतझड़ के बाद बसंत बहार का मौसम इसी अनोखी आस का सहारा लिए हम भी बेसब्री से तैयार है कब तुम आऊँगी और हमारे जीवन में भी बहार लाओगी
धन्यबाद
प्रस्तुति लव तिवारी
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