राम ही जगत गुरु, राम ही संसार हैं।
राम को हम सब भजे, राम ही स्वीकार हैं।।
राम ही है सूर्य चन्द्र, राम ही सत्य नाम हैं।
संत अंसन्त सब भजे, सब जन का कल्याण हैं।
राम सेवरी के भी प्रिय, राम भरत की शान हैं।
राम केवट के भी है, और राम भक्त हनुमान हैं।।
राम एक आधार सबके, सबमे प्रिय एक नाम हैं।
जो भजे नित दिन इन्हें, उनका बेड़ा पार हैं।
राम की महिमा तुलसी गाये, और गाये हनुमान हैं।
राम की महिमा लुवकुश गाये, जिसका सबकुछ राम हैं।।
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