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विधायकों सासदों और मंत्रियों को बार बार पेंशन लेकिन जन्म से विकलांगता फिर 18 वर्ष के बाद ही विकलांगता पेंशन क्यो - लव तिवारी ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

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सोमवार, 19 सितंबर 2022

विधायकों सासदों और मंत्रियों को बार बार पेंशन लेकिन जन्म से विकलांगता फिर 18 वर्ष के बाद ही विकलांगता पेंशन क्यो - लव तिवारी

जैसा कि आप सभी जानते हैं मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित खासकर डीएमडी वाले बच्चों का शरीर कम उम्र में काम करना बंद कर देता है परंतु सरकार की तरफ से 18 वर्ष से कम आयु तक उन्हें कोई आर्थिक मदद नहीं मिलती है।

इसी का विपरीत अगर राजनेताओं की बात करते हैं तो अगर एक व्यक्ति अपने जीवन में पांच बार विधायक दो बार सांसद तीन बार मिस्टर बनता है तो उसको 5 बार की अलग-अलग पेंशन के रूप में एक बड़ा वेतन भत्ता उसको दिया जाता है सरकार अपने मेनिफेस्टो में इस बात की घोषणा की हुई थी कि हम सरकार बनाते है तो हर विकलांग को 15 सो रुपए का पेंशन लेकिन सरकार बनने के बाद या पेंशन भी एक हजार के मामूली रकम पर आकर अटक गया। हम वर्तमान सरकार की तारीफ हम प्रशंसा करते हैं कि पिछले 20 सालों से जो 200 से ₹500 का पेंशन विकलांगों को दिया जाता था उसको सरकार पंद्रह  सौ रुपये की। लेकिन देने के नाम पर केवल 1एक हजार रुपये ही दे रही है हम सरकार से विनम्र निवेदन करते हैं कि सरकार अपने मेनिफेस्टो के अनुसार जल्द से जल्द प्रदेश में उपस्थित सभी विकलांगों को उनका पंद्रह सौ रुपये मासिक विकलांग पेंशन देने की कृपा करें।

साथ में सरकार से यह विनम्र अनुरोध करता हूं कि तेलगांना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों के आधार पर हम दुर्लब बीमारियों से पीड़ित विकलांग जनों को 5 हजार से दस हजार रुपये की मासिक पेंशन देने की कृपा करें। जिससे हम लोग का गुजारा आसानी से हो सकें।

साथ मे इस उत्तर प्रदेश सरकार  के इस विशेष योजना की भूरि भूरि प्रसंसा करता हूँ कि 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे जो उत्तर प्रदेश सरकार की पेंशन के दायरे में नहीं आते हैं उनके लिए सरकार सर्वे कर रही है, जिससे उनके लिए कोई योजना या आर्थिक मदद दी जा सकें, अतः जो बच्चे आर्थिक रूप से कमजोर हैं कृपया UDID Card (Disability Certificate) 80% या उससे ज्यादा ही बनवाए तथा अपने जिले के दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग में अपना नाम जरूर दे।

धन्यवाद-लेखक खुद मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ित है- जन्म से विकलांगता फिर 18 वर्ष के बाद ही विकलांगता पेंशन क्यो - लव तिवारी