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जनवरी 2016 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

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शुक्रवार, 29 जनवरी 2016

Swachh Bharat Mission- स्वच्छ गाँव स्वच्छ भारत सुंदर भारत

पंचायत चुनाव को बीते हुए भी अब लगभग 2 महीने होने को है और जिन लोगो के द्वारा राजनीति मे सक्रियता दिखाई गयी थी वो अब बिलुप्त हो गये है उस समय तो ऐसी बाते करते थे जैसे गाँव के प्रति उनका जागरूकता और समर्पण ऐसा है की अपना घर और खेत बेच कर गाँव का विकास करेगे ,और आज वो फिर से उसी फिराक मे है कि कब पाँच साल बीते और फिर से झूठी राजनीति करने का सुनहरा मौका मिले, लेकिन बीते दिनो युवाओ के द्वारा सराहनीय कार्य को अंजाम दिया गया जिसमे राजीव सिंह ,संदीप सिंह चंदन सिंह आतिश सिंह मोनू विपुल सिंह राहुल सिंह शिवम तिवारी विपिन तिवारी जैसे युवाओ का सराहनीय योगदान रहा जहा देश के प्रधानमंत्री स्वच्छ मिशन की बात कर रहे है, वही पर गाँव के बच्चो के द्वारा खुद ही गाँव की सफाई और स्वच्छ बनाए की कोशिश की गयी ,साथ मे गाँव के नव निर्मित प्रधान और सफाई कार्मिक जो गाँव के लिए प्रदेश सरकार के द्वारा नियुक्त किया गया उन्हे भी दिशा निर्देश दिया गया साथ मे ये भी चेतावनी दी गयी अगर गाँव मे विकास और कार्य मे किसी तरह की लापरवाही हुई तो किसी भी व्यक्ति विशेष को बक्शा नही जाएगा, एक बात और गाँव के बड़े बुजुर्ग की झुकाव और लगाव गाँव के विकास के प्रति कम है और केवल अपने कार्यो मे ब्यस्त रहते है लोग भारी संख्या मे गाँव मे रहते है और विकास कार्य , सरकारी योजनाओ का लाभ, सुमुचित व्यवस्था, के प्रति गाँव के युवाओ को अवगत कराये साथ मे मार्गदर्शन भी करे जो गाँव मे नही हो रहे है, भाई संदीप सिह के द्वारा एक पघ संकलन जो बी टी सी के पुस्तक मे मिली उसे हम प्रस्तुत कर रहे है हमे उम्मीद है कि आप को दूर रहते हुए भी गाँव की कमी नही खलेगी आप पड़े और आनंद ले
ले मशाले चल पङे है लोग मेरे गाँव के
अब अंधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
पूछती है झोपङी और पूछते है खेत भी
कब तलक लुटते रहेगे लोग मेरे गाँव के
ले मशाले चल पङे है लोग मेरे गाँव के
नया सूरज जब उगेगा देश के हर गाँव मे
अब साथ हो चले है लोग मेरे गाँव के
अब अँधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
चीखती है हर रुकावट ठोकरो कि मार से
बेङिया खनका रहे है लोग मेरे गाँव के
अब अँधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
विकास का दीपक जलेगा देश के हर गाँव मे
रोशनी फैला रहे है लोग मेरे गाँव के
अब अँधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
देखो यारो जो सुबह लगती है फीकी आज तक
नया रंग उसमे भरेगे लोग मेरे गाँव के
अब अधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
बिन पढे कुछ भी यहाँ मिलता नही यहा जानकर
अब अब पढाई पढ रहे है लोग मेरे गाँव के
अब अंधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
ले मशाले चल पङे है लोग है लोग मेरे गाँव के
अब अंधेरा जीत लेगे लोग मेरे गाँव के
स्वच्छ गाँव स्वच्छ भारत सुंदर भारत
प्रस्तुति - लव तिवारी

शनिवार, 23 जनवरी 2016

भूल ये है की तुझे मैने अपना माना दर्द ये है कि तू अब मुझे जीने नही देगा- लव तिवारी


भूल ये है की तुझे मैने अपना माना
दर्द ये है कि तू अब मुझे जीने नही देगा
लव तिवारी
कभी कभी इस देश की फ़िक्र होती है 26 जनवरी 2016 को देश अपने 67 गणतंत्र दिवस मना रहा है इधर देश का सिपाही लड़ते लड़ते अपनी जान गवा देता है, देश का प्रधानमंत्री रविवार अन्य अवकाश को भी काम करके देश को आगे की राह दिखा रहे है, और इधर देश में बैठे कुछ गदार देश में ही बैठ कर आरजकता फैला रहे है कोई भी राजनीती दल विकास की राजनीती करते कम दिखती है जाति और तुम हिन्दू हम मुसलमान की राजनीती कर रहा है, बिकाऊ मीडिया का भी रोल कहने लायक है फर्जी के न्यूज की बमबारी ऐसे करते है जैसे सीमा पर दुश्मन सामने खड़ा हो , हमें आज भी वो 10 वर्षो पहले की बात याद आती है जब डी डी नेशनल और डी डी न्यूज़ पर समाचार पर वो कुछ घंटे और सही और सामाजिक सही समाचार जिसका देश और उसके हित से सम्बन्ध हो आज के ज़माने में समाचार एजेंसी की अधिकता हुयी और साथ में फर्जी न्यूज़ की बमबारी , हमारी असहनशीलता की हद तो तब पार् हो जाती जब न्यूज़ चैनल के वेबसाइट पर फर्जी के न्यूज़ की अधिकता देखी जाती है कुछ उदाहरण हम पेश करते है
1- बिना शादी किये पूनम पाण्डेय हुयी प्रेगनेंट
2- सलमान की हुयी शादी पोस्ट खोलो तो शादी हकीकत नहीं कही फ़िल्म में शादी की बात
3- करण जोहर ने फिर भारत में intolerance की बात कही
इसी तरह आप देखे तो फर्जी समाचार की अधिकता जिसका देश और उससे कोई ताल्लुकात नहीं है इसका प्रचार प्रसार जादा मात्रा में हो रहा है इसका प्रभाव देश की जनता और आने वाले युवाओ पर बुरा असर पड़ रहा है,पिछले वर्ष पंचायत चुनाव में सक्रीय होने का मौका मिला और गांव के सारे फर्जी कार्यो के बारे पता चला ,यहाँ देश के प्रधानमंत्री जी मन की बात कह कर देश को एक नयी राह दिखा रहे है और वहा देश के उस पैसे दुरपयोग कमशः राजनेता-सरकारी अधिकारी- सरकारी कर्मचारी -ग्राम प्रधान के अपने स्वार्थ में खर्च हो रहे है
प्रस्तुति - लव तिवारी


बुधवार, 13 जनवरी 2016

Tu Kitni Achchhi Hai - तू कितनी अच्छी है

तू कितनी अच्छी है
तू कितनी भोली है
प्यारी-प्यारी है
ओ माँ, ओ माँ
ये जो दुनिया है
ये बन है काँटों का
तू फुलवारी है
ओ माँ, ओ माँ
तू कितनी अच्छी है...

दूखन लागी है माँ तेरी अँखियाँ
मेरे लिए जागी है तू सारी-सारी रतियाँ
मेरी निंदिया पे, अपनी निंदिया भी, तूने वारी है
ओ माँ, ओ माँ
तू कितनी अच्छी है...

अपना नहीं तुझे सुख-दुख कोई
मैं मुस्काया, तू मुस्काई, मैं रोया, तू रोई
मेरे हँसने पे, मेरे रोने पे, तू बलिहारी है
ओ माँ, ओ माँ
तू कितनी अच्छी है...

माँ बच्चों की जां होती है
वो होते हैं क़िस्मत वाले जिनके माँ होती है
कितनी सुन्दर है, कितनी शीतल है, न्यारी-न्यारी है
ओ माँ, ओ माँ
तू कितनी अच्छी है...

Movie/Album: राजा और रंक (1968)
Music By: लक्ष्मीकांत प्यारेलाल
Lyrics By: आनंद बक्षी
Performed By: लता मंगेशकर

Ranjish Hi Sahi - रंजिश ही सही

रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिये आ

अब तक दिल-ए-खुशफ़हम को हैं तुझ से उम्मीदें
ये आखिरी शम्में भी बुझाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

इक उम्र से हूँ लज्ज़त-ए-गिरया से भी महरूम
ऐ राहत-ए-जां मुझको रुलाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

कुछ तो मेरे पिन्दार-ए-मोहब्बत का भरम रख
तू भी तो कभी मुझ को मनाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

माना के मोहब्बत का छुपाना है मोहब्बत
चुपके से किसी रोज़ जताने के लिए आ
रंजिश ही सही...

जैसे तुम्हें आते हैं ना आने के बहाने
ऐसे ही किसी रोज़ न जाने के लिए आ
रंजिश ही सही...

पहले से मरासिम ना सही फिर भी कभी तो
रस्म-ओ-रहे दुनिया ही निभाने के लिये आ
रंजिश ही सही...

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम
तू मुझ से खफा है तो ज़माने के लिये आ
रंजिश ही सही...

Lyrics By: अहमद फ़राज़
Performed By: मेहदी हसन
Taal: दादरा

Aaj Jaane Ki Zid Na Karo- आज जाने की ज़िद ना करो

आज जाने की ज़िद न करो
यूँ ही पहलू में बैठे रहो
हाय मर जायेंगे
हम तो लुट जायेंगे
ऐसी बातें किया न करो

तुम्ही सोचो ज़रा, क्यूँ न रोकें तुम्हें
जान जाती है जब, उठ के जाते हो तुम
तुमको अपनी क़सम जान-ए-जाँ
बात इतनी मेरी मान लो
आज जाने की...

वक़्त की क़ैद में ज़िंदगी है मगर
चंद घड़ियाँ यही है जो आज़ाद हैं
इनको खोकर मेरी जान-ए-जाँ
उम्र भर ना तरसते रहो
आज जाने की...

कितना मासूम रंगीन है ये समां
हुस्न और इश्क़ की आज मेराज है
कल की किसको ख़बर जान-ए-जाँ
रोक लो आज की रात को
आज जाने की...



Dil Dhoondta Hai Phir Wohi - दिल ढूँढता है फिर वही


दिल ढूँढता है फिर वही फ़ुरसत के रात दिन
बैठे रहे तसव्वुर-ए-जानाँ किये हुए
दिल ढूँढता है...

जाड़ों की नर्म धूप और आँगन में लेट कर
आँखों पे खींचकर तेरे आँचल (दामन) के साये को
औंधे पड़े रहें कभी करवट लिये हुए
दिल ढूँढता है...

या गरमियों की रात जो पुरवाईयाँ चलें
ठंडी सफ़ेद चादरों पे जागें देर तक
तारों को देखते रहें छत पर पड़े हुए
दिल ढूँढता है...

बर्फ़ीली सर्दियों में किसी भी पहाड़ पर
वादी में गूँजती हुई खामोशियाँ सुनें
आँखों में भीगे-भीगे लम्हें लिये हुए
दिल ढूँढता है...

Movie/Album: मौसम (1975)
Music By: मदन मोहन
Lyrics By: गुलज़ार
Performed By: भूपिंदर सिंह, लता मंगेशकर