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अप्रैल 2015 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

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गुरुवार, 30 अप्रैल 2015

Bekar Is Dil Ki Tu Aas Banke- बेकरार इस दिल की तू आस बनके

बेकरार इस दिल की तू आस बनके ,
कहाँ छिप गया आँखों की प्यास बनके..

में तरासी थी तुझे लाखों मे से चुन के , 
वो कौन जो ले गई तुझे, मुझसे छीन के..?

कुछ तो बोल न तड़पा यूँ चुप रहेके , 
हुई क्या खता जो बदला ले रहा गिन गिन के..

Apani Tanhai Ki Tasvir Banakar Rakhu- अपनी तन्हाई की तस्वीर बनाकर रखूं

  अपनी तन्हाई की तस्वीर बनाकर रखूं
   आईने को अपने रूबरू बिठाकर रखूं...

   इन दीवारों से बनी कैद में जी लेती हूं
इस तरह खुद को मैं दुनिया से बचाकर रखूं...

 चांद सितारों से भरे उस आस्मा की तरह
 अपने सीने में कई आग मैं जलाकर रखूं...

    रोक लेती हूं दरिया को जब भी चाहूं
अपनी आंखों में इसे झील मैं बनाकर रखूं...

कहना चाहूँ भी तो ना कहे पाऊं बात दिल की
न चाहते हुए भी अपने दोस्तों से छुपाकर रखूं...

Sham To Rakh Liya Aab Raat -शाम तो रख लिया अब रात

शाम तो रख लिया अब रात को मैं कैसे रखूं
इतने उदास लम्हों को एक दिल में कैसे रखूं...

हाथ आए थे चंद अश्क, छिटक के भाग गए
अपनी आंखों में उसे बांध कर भला कैसे रखूं...

यादों के बयार संग मेरे दिल तक चले आए हैं
इन गर्द गुबारों को इस जिगर में अब कैसे रखूं...

बूंद बनकर जो मेरी आंखों से दर्द बहा ले गया
ऐसे सावन को तेरे तोहफे के लिए मैं कैसे रखूं...

Gum Ki Nazar Se Dekhiye- गम की नजर से देखिए

गम की नजर से देखिए, दिल के असर से देखिए
है अश्क भी लाल रंग, खूने-जिगर से देखिए..

तैराक भी कितने यहां प्यासे ही मर गए
संसार की नदी में भी जरा फिसल के देखिए..

खुशबू से भीग जाएगी नाजुक सी उंगलियां
मेरे दिए गुलाब को आप मसल के देखिए..

ये हुस्न देखकर ही तो वो चांद परेशान है
वो जल रहा है हमसे, घर से निकल के देखिए..

Kabhi To Mujhase Kah Do कभी तो मुझसे ये कह दो कि तुम मेरे हो.

कभी तो मुझसे ये कह दो कि तुम मेरे हो..
रूह में अहसास तो भर दो कि तुम मेरे हो..

तन और मन का ना सही, तेरे दिल में
बसने का मुझको पता दो , कि तुम मेरे हो..

नहीं चाहिए तेरे किसी भी हिस्से की जिंदगी
दो पल साथ देकर जता दो, कि तुम मेरे हो ..

पुरे ज़माने से भले ही हमको छुपाना ..
खुद के दिल को तो बता दो , कि तुम मेरे हो ..

अपना मुझे कभी ना भी बनाना, लेकिन
सुहाना सपना तो दिखा दो, कि तुम मेरे हो ..

सोमवार, 20 अप्रैल 2015

Mohbbat ek Dhokha Hai- मोहब्बत एक धोखा है

        मोहब्बत एक धोखा है मोहब्बत एक फ़साना है..
         मोहब्बत सिर्फ ज़ज्बातों का झूठा कारखाना है...
एक बेबस दीवानी इस मे और एक लाचार दीवाना है..
एक की होती शादी एक को शराब की भट्ठी में जाना है..

नफरत का संसार यहाँ, स्नेह प्रेम किसको कमाना है...?
तोड़ के दो दिलों को, सजा देता ये सारा ज़माना है...

देखते है दुनिया बाले जैसे ये फिल्म कोई पुराना है..
आँखों से बहाके आंसू और तालियां बजाके घर जाना है..

करना न मोहब्बत कभी, आगे आपको खुद फैसला करना है..
लेला मजनू हीर राँझा,बाक़िफ़ तो हो इनसे और क्या बताना है..?

बहुत रोई हैं मेरी आँखें मोहब्बत की कहानी पर।
तभी तो जानती हूँ कौन यहाँ अपना और कौन बेगाना है।।

शनिवार, 18 अप्रैल 2015

Sanam ki Akho Main- सनम की आंखों में

सनम की आंखों में हम अपना दीदार कर बैठे,
उनके रूबरू हम नजरों से यूं तकरार कर बैठे..

मत कहिए जमाने से कि लगा है दिल का रोग,
वो कहेंगे न था कोई काम तो ये रोजगार कर बैठे..

दर्द की आदत से अब यूं मजबूर हो चुके हैं हम,
अश्कों के खातिर तेरी यादों का जुगाड़ कर बैठे..

हुस्न से इश्क का सदियों से ये रिश्ता है कैसा,
खाक होने के लिए हम एक-दूजे से प्यार कर बैठे..

सोमवार, 13 अप्रैल 2015

Hum Tumhe Dekhate Hai- हम तुझे देखते हैं

नजरे-मुहब्बत का बस इतना है फसाना
हम तुझे देखते हैं, हमें देखे है जमाना...

दलदल भरे रिश्तों से बचके निकल चले,
कसम खाए हैं, अब खुद को नहीं रुलाना...

चांद की तन्हाई में अब यूं खो चुकी हूं मैं,
ऐ सितारों अपनी भीड़ में हमको न बुलाना...

दर्द की लहरों से जब भीगती है ये आंखे,
बहुत मुश्किल होता है समंदर को छुपाना...

रविवार, 5 अप्रैल 2015

Bachapan Dekha Jata Maine -बचपन देखा जाता मैंने जाती जवानी देखी

बचपन देखा जाता मैंने जाती जवानी देखी I
बुढ़ापा आये, जाए न जीवन की कहनी देखी I
अंतकाल हो मस्तिष्क, काम नहीं फिर करता,
विनाश काले विपरीत बुद्धि बाते स्यानी देखी II

बंधन जो दिल के दिल से थे उनको टूटते देखा I
बच्चों को ही मात-पिता को मैंने लूटते देखा I
साधारण व्यक्ति की औकात दो कौड़ी की यारों,
मंत्री की बेटी के बदले मैंने आतंक छूटते देखा II


मुंह में भर भर कर लड्डू मैंने रेवड़ी बांटते देखा I

क्या नेता-क्या अभिनेता मैंने सबको काटते देखा I
क़ानून की बातें बड़ी बड़ी जो करते थे बढ़चढ़ कर,
राजनीति में उनको भी मैंने तलवे चाटते देखा II



बीच भंवर में डूबती नैया मैंने मझदार को देखा I
अपनों ने हे अपनों को किया ऐसे लाचार को देखा I
पेट की आग किसे कहतें है क्या बतलाऊँ तुमको,
रोटी के बदले खून किया मैंने गुनहगार को देखा II



मन के खेत में दुश्मनी के बीज रोंपते देखा I
दोस्तों को यारी की पीठ में खंजर घोंपते देखा I
क्या होती है जिंदगी दो लफ़्ज़ों में हूँ बताता,
पेट भरे किसी तरह मैंने इज़ज़त सौंपते देखा II


Has Ke Har Gum Chhupa Liya Maine - हँस के हर ग़म छुपा लिया मैंने,

हँस के हर ग़म छुपा लिया मैंने,
लब पे नग़में सजा लिया मैंने...

भीड़ की आदत नहीं मुझे,
थोड़े में जीना सीख लिया है मैंने,,,,,

चन्द दोस्त हैं, चन्द दुआएं हैं,
बस इन खुशियों को गले लगा लिया मैंने..

Kisi Pe Jaan Lutai Ja Rahi Hai- किसी पे जाँ लुटाई जा रही है

किसी पे जाँ लुटाई जा रही है
या किस्मत आजमाई जा रही है.. 

बहेकते जा रहे हैं होश दिल के 
निगाहों से पिलाई जा रही है...

हुई कुर्बत तो ऐसा लग रहा है 
मेरी जाँ मुस्कुराई जा रही है ...

खिला के गुंचा-ए-दिल को मेरे 
हकीकत अब दिखाई जा रही है ...

तुम्हारी राह में जानाँ हमेशा 
नज़र मेरी बिछाई जा रही है ...

लूट कर चैन_ओ_सकूं मेरा 
मुझसे नज़रे चुरायी जा रही है...

बिना उसके दोस्तों जीना है मुश्किल 
मुझसे ही मेरी दुनया मिटाई जा रही है..