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जुलाई 2021 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

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गुरुवार, 22 जुलाई 2021

अंबेडकर को लेकर बहुत से मिथक हैं जिन्हें सच माना जाता है।- अज्ञात

अंबेडकर को लेकर बहुत से मिथक हैं जिन्हें सच माना जाता है। कल एंड टीवी पर शुरू होने वाले अंबेडकर पर आधारित शो का टीज़र मित्र ने भेजा। कल उस मित्र से इस संदर्भ में बात हो रही थी तो सोचा क्यों न उन मिथकों और उनकी सच्चाई पर एक सार्वजनिक पोस्ट की जाए। आइए जानते हैं क्या हैं वो मिथक और क्या है सच्चाई-

●मिथक- अंबेडकर बहुत मेधावी थे।

सच्चाई- अंबेडकर ने अपनी सारी शैक्षणिक डिग्रियाँ तीसरी श्रेणी में पास की।

●मिथक- अंबेडकर बहुत गरीब थे।

सच्चाई- जिस ज़माने में लोग फोटो तक नहीं खींचा पाते थे उस ज़माने में अंबेडकर की बचपन की बहुत सी फोटो हैं वह भी कोट पैंट में!

●मिथक- अंबेडकर ने शूद्रों को पढ़ने का अधिकार दिया।

सच्चाई- अंबेडकर के पिता जी ख़ुद उस ज़माने में आर्मी में सूबेदार मेजर थे जो यह बताता है कि उस समय पढ़ने का अधिकार शूद्रों के पास था।

●मिथक- अंबेडकर को पढ़ने नहीं दिया गया।

सच्चाई- उस ज़माने में अंबेडकर को गुजरात बढ़ोदरा के क्षत्रिय राजा सीयाजी गायकवाड़ ने स्कॉलरशिप दी और विदेश पढ़ने तक भेजा और ब्राह्मण गुरु जी ने अपना नाम अंबेडकर भी दिया।

●मिथक- अंबेडकर ने नारियों को पढ़ने का अधिकार दिया।

सच्चाई- अंबेडकर के समय ही 20 पढ़ी लिखी औरतों ने संविधान लिखने में महत्वपूर्ण योगदान दिया!

●मिथक- अंबेडकर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे।

सच्चाई- अंबेडकर ने सदैव अंग्रेजों का साथ दिया।भारत छोड़ो आंदोलन की जम कर खिलाफत की। अंग्रेजों को पत्र लिखकर बोला कि आप और दिन तक देश में राज करिए। उन्होंने जीवन भर हर जगह आजादी की लड़ाई का विरोध किया।

●मिथक- अम्बेडकर बड़े शक्तिशाली थे।

सच्चाई- 1946 के चुनाव में पूरे भारत भर में अंबेडकर की पार्टी की जमानत जप्त हुई थी।

●मिथक- अंबेडकर ने अकेले आरक्षण दिया।

सच्चाई- आरक्षण संविधान सभा ने दिया जिसमें कुल 389 लोग थे।अंबेडकर का उसमें सिर्फ एक वोट था। आरक्षण सब के वोट से दिया गया था।

●मिथक- अंबेडकर राष्ट्रवादी थे।

सच्चाई- 1931 में गोलमेज सम्मेलन में गाँधी जी के भारत के टुकड़े करने की बात कर दलितों के लिए अलग दलितस्तान की माँग अंबेडकर ने की थी।

●मिथक- अंबेडकर ने भारत का संविधान लिखा।

सच्चाई- जो संविधान अंग्रेजों के 1935 के मैग्नाकार्टा से लिया गया हो और विश्व के 12 देशों से चुराया गया है। उसे आप मौलिक संविधान कैसे कह सकते हैं? अभी भी सोसायटी एक्ट में 1860 लिखा जाता है।

●मिथक- आरक्षण को लेकर संविधान सभा के सभी सदस्य सहमत थे।

सच्चाई- इसी आरक्षण को लेकर सरदार पटेल से अंबेडकर की कहा सुनी हो गई थी। पटेल संविधान सभा की मीटिंग छोड़कर बाहर चले गये थे, बाद में नेहरू के कहने पर पटेल वापस आये थे।

सरदार पटेल ने कहा कि जिस भारत को अखण्ड भारत बनाने के लिए भारतीय देशी राजाओं, महराजाओं, रियासतदारों, तालुकेदारों ने अपनी 546 रियासतों को भारत में विलय कर दिया जिसमें 513 रियासतें क्षत्रिय राजाओं की थी। इस आरक्षण के विष से भारत भविष्य में खण्डित होने के कगार पर पहुँच जाएगा और आज हम वैसा होते देख भी रहे हैं।

●मिथक- अंबेडकर स्वेदशी विचारधारा के थे।

सच्चाई- देश के सभी नेताओं का तत्कालीन पहनावा भारतीय पोशाक धोती -कुर्ता, पैजामा-कुर्ता, सदरी व टोपी,पगड़ी, साफा, आदि हुआ करता था। गाँधी जी ने विदेशी पहनावा व वस्तुओं की होली जलवाई थी। यद्यपि नेहरू, गाँधी व अन्य नेता विदेशी विश्वविद्यालय व विदेशों में रहे भी थे फिर भी स्वदेशी आंदोलन से जुड़े रहे। वहीं अंबेडकर की कोई भी तस्वीर भारतीय पहनावे में देखने को नहीं मिलती है। अंबेडकर अंग्रेजियत के हिमायती थे।

नोट- मेरा उद्देश्य किसी की भावनाओं को ठेस पहुचाना नहीं है बल्कि सच्चाई बयां करने की कोशिश करना है।तथ्यों की जानकारी आप स्वयं भी प्राप्त कर सकते हैं।






शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

भयानक व लाइलाज़ बीमारी मोटर न्यूरॉन डिजीज एवं मस्क्युलर डिस्ट्रॉफी - लव तिवारी

Motor Neurone Disease
स्टेफेन हॉकिंग्स ( फिजिक्स वैज्ञानिक) ऐसा नाम जो एक भयानक बीमारी मोटर न्यूरॉन डिसीज़ से प्रभावित थे। आज इसी तरह के बीमारी से ग्रसित एक छोटी बच्ची जो जिंदगी और मौत के बीच मे सांसे ले रही है उसके परिजनों से मिलना हुआ। बच्ची ने पिछले 14 दिनों से अन्न जल त्याग रखा है।

मानसी वर्मा
उम्र- 8 वर्ष
माता- श्री मति रिंकी वर्मा
पिता- श्री सन्नी वर्मा
वर्तमान पता- मुक्तिपुरा मरकिंगंज ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
स्थाई पता - ग्राम रुकुनदिनपुर पोस्ट नोनहरा ग़ाज़ीपुर

Motor Neurone Disease  में डॉक्टरों और इंटरनेट के द्वारा प्राप्त जानकारियो से यह पता चलता है कि इस बीमारी में नसे सुख जाती है जिससे ब्लड का संचार शरीर मे न होने के कारण मनुष्य कुछ ही वर्ष में मरणासन अवस्था को प्राप्त कर लेता है। सही मायने में ये कहिये की इस जैसी खतरनाक बीमारियों का उपचार अभी तक मेडिकल साइंस के पास नही है लेकिन विदेशों में इस तरह के भयानक बीमारी पर शोध किये जा रहे है। 

इस तरह की एक और भयानक बीमारी जिसका नाम है मस्कुलर डिस्ट्रॉफी है, इस बिमारी के भी लगभग 9 प्रकार है जिसमे DMD Duchene Muscular Dystrophy एवं LGMD Limb Gard Muscular Dystrophy के मरीज ज्यादा संख्या में है। इंटरनेट और पिछले कई वर्षों तक इस बीमारी से ग्रसित होने के कारण इस बीमारी के प्रकार और उसकी कुछ जानकारी हमें भी ज्ञात है। जैसा कि एक आप सब ने सुना होगा कि एक छोटी बच्ची को सोशल मीडिया कंपेन से इकट्ठा करके 16.5 करोड़ की दवा के माध्यम से उपचार हुआ है और वो पहले से बेहतर है। हमें ये आशा है  कि भविष्य हमारे लिए एक बेहतर इलाज के साथ सुखद परिणाम वाला होगा।

भारत या अन्य कई देशों के पास इन जैसे खतरनाक बीमारियों से निपटने के कोई उपाय नही है। और रोगी के परिजन कुछ लुटेरों डॉक्टरों के झांसे में आ कर लाखों रुपये खर्च कर देते है। पैसा खर्च के साथ अगर रोगी को आराम मिले तो पैसे का सदुपयोग समझ मे आता है। 

बीमारी से प्रभावित रोगी के परिजन के एक सवाल ने मुझे इस पोस्ट को लिखने पर मजबूर कर दिया। उसने मुझसे पूछा कि कोई ऊपरी चक्कर तो नही है। परिजनों को फिर से  यह बात समझा रहा हूँ कि यह एक भयानक बीमारी है औऱ फर्जी डॉक्टरों के साथ आप लोगों झाड़ फूक टोना ऊपरी चक्कर के चक्कर मे आकर अपने पैसे का दुरुपयोग न करें।

भारतीय प्राइवेट लुटेरे डॉक्टर के सम्बंध में भी एक बात कहूंगा। वो अच्छी तरह से जानते है कि इस तरह के बड़े बीमारी का उपचार उसके पास या किसी के पास नही फिर भी वो आप को मूर्ख बनाकर पैसा ऐठते है। कोरोना काल मे आप सभी ने प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टरों के आतंक का रूप रेखा देख चुके है।।

परिजन क्या करें।- हर परिजन अपने बच्चे को बचाने का अंत समय तक प्रयास करता है। लेकिन प्रयास का परिणाम अगर सही न हो तो प्रयास करना मेरी नजर में सही नही है। रोगी के परिजनों को यह सुझाव है भारत के बड़े सरकारी अस्पतालों के विशेषज्ञ के सम्पर्क में आप रह सकते है जैसे ऐम्म्स दिल्ली, नीमांस बेंगलुरु, सी एम सी वेल्लोर, कोई कि बीमारी के संभावित कोई भी जानकारी और उनके उपचार के सम्बंध की जनकारी आपको यही से पता लग सकती है।।






बुधवार, 14 जुलाई 2021

हमरी अटरिया पे आजा रे सावरिया देखा देखी बलम होई जाय रे- कुमार सत्यम जी

हम तुम भोले सईया जग है जुलमी
प्रीत को पाप कहते अधर्मी- 2
जग से न कहियो ये बाता बस की
जग सुनिहे तो जुलम हो ई जाय रे

हमरी अटरिया पे आजा रे सावरिया-4
देखा देखी बलम होई जाय रे।
लोग से न कहियो ये बाता बस की
जग सुनिहे तो जुलम हो ई जाय रे।
हमरी अटरिया पे आजा रे सावरिया-4

निस दिन मैं करु तेरी ही पूजा
नयंनो में नही आये कोई दूजा
सरगम,.....
सैया मोरे......
निस दिन मैं करु तेरी ही पूजा
नयंनो में नही आये कोई दूजा
मानो कसम अगर झुठ बोले हम
चढ़ती जवानी भस्म होई जाय रे

जब तक जवानी तब तक जमाना
चाहे जिसे जी भर के सता लो
सरगम,.....
सैया मोरे......
जब तक जवानी तब तक जमाना
चाहे जिसे जी भर के सता लो
याद रखियो तब कोई न चाहे
जब ये जवानी खत्म हो जाये रे
मोरे अंगनवा में आजा रे सजनवा देखा देखी बलम होई जाय रे।



सोमवार, 5 जुलाई 2021

अब जरूर होगा कोई और दूसरा निगाह में तभी तो आयी कयामत इस हँसते खेलते परिवार में।- लव तिवारी

अब जरूर होगा कोई और दूसरा निगाह में
तभी तो आयी कयामत इस हँसते खेलते परिवार में।।

रिश्ता बनाना अब देखो मज़ाक बन कर रह गया ।
जज़्बात और जीवन की खुशियां खाक बन बन कर गया ।

क्या है षडयंत्र कौन होगा अब अगला शिकारी है।
किस पर होगी अब ये अगली आफत की बम बारी है।।

भगवान तेरा नही मगर ख़ुदा का तो वफादार है।
इस बात वो नही समझेगा जो तेरा कर्ज़दार है।।

इस बिपदा को जो झेला वो दर्द को समझ जायेगा।
उसको बात नही समझ आएगी जो तेरा ही परछाई है।।

रचना - लव तिवारी
05- जुलाई- 2021