मेरा ब्लॉग मेरी रचना- लव तिवारी संपर्क सूत्र- +91-9458668566

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक गंभीर बीमारी- आदरणीय प्रधानमंत्री जी को पत्र नही कोई जबाब -लव तिवारी ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Flag Counter

Flag Counter

गुरुवार, 21 अप्रैल 2022

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक गंभीर बीमारी- आदरणीय प्रधानमंत्री जी को पत्र नही कोई जबाब -लव तिवारी

 सेवा में,

आदरणीय प्रधानमंत्री महोदय जी

भारत सरकार, नई दिल्ली


7, Lok Kalyan Marg, New Delhi- 110 011

Phone:- 011 23018939, 011 23012312

आदरणीय महोदय जी, 


सविनय निवेदन है कि हमारे देश भारत में मस्कुलर डिस्ट्रॉफी नामक गंभीर बीमारी तीव्र गति से फैल रही है, मस्कुलर डिस्ट्रॉफी मांसपेशियों की निरंतर बढ़ते रहने वाली एक आनुवांशिक एवं दुर्लभ बीमारी है इस बीमारी से बच्चे तथा वयस्क दोनों पीड़ित हो जाते हैं, एक परिवार में दो - तीन या इससे अधिक पीड़ित भी हो जाते हैं, बीमारी कम उम्र में शुरू होती है उम्र के साथ मांसपेशियां तीव्र गति से कमजोर होती जाती हैं पीड़ित का शरीर काम करना बंद कर देता है, बच्चे अपने स्वयं के काम जैसे उठना - बैठना, खाना, नहाना, कपड़े पहनना, टॉयलेट बाथरूम जाना आदि कार्य के लिए भी परिवार के अन्य सदस्यों पर निर्भर हो जाते हैं, पीड़ित को शारीरिक, मानसिक व उनके परिवार को भी मानसिक, आर्थिक जैसी समस्याओ से जूझना पड़ता है इसलिए प्रत्यक्ष रूप से सिर्फ एक पीड़ित होता है परंतु परोक्ष रूप से पूरा परिवार पीड़ित हो जाता है l मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कारण छोटे-छोटे बच्चें क्वारिंटाइन जैसी स्थिति में घुट-घुट कर जिंदगी जीने पर मजबूर हैं तथा उचित जानकारी और सुविधाएं ना होने के कारण बच्चे मज़बूरन जान गंवा रहे हैं।


मस्कुलर डिस्ट्रॉफी के कई प्रकार (DMD, BMD, LGMD, FSHD etc.) हैं, भारत में DMD से अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम उम्र में बच्चें व्हीलचेयर पर आ जाते हैं तथा बहुत कम उम्र में बच्चों की मृत्यु हो रही हैं, अमेरिका में इसका Exon Skipping therapy से इलाज हो रहा है तथा USA, Canada, United Kingdom, Australia आदि देशों में Research, Clinical & Human Trials बड़े स्तर पर हो रहे हैं परंतु भारत में उस स्तर पर प्रयास भी नहीं हो रहे हैं, विदेशों में Approved हो चुकी Therapy, Injection, Medicine आदि के भारत में अभी तक Trials भी नहीं हुए हैं, सरकारों की सुस्ती के कारण हर वर्ष हजारों बच्चों की जान जा रही है तथा हजारों परिवार बर्बाद हो रहे हैं, केंद्र व राज्य सरकारों को भारत की फार्मा कंपनियों को इस पर काम करने के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए, Clinical और Human Trials के लिए फंड भी देना चाहिए तथा बीमारी की जागरूकता के लिए देश के सभी राज्यों में अभियान चलाने की आवश्यकता है जिससे पीड़ित और उनके परिवारों को सही जानकारी मिल सके और पीड़ित की अच्छी देखभाल कर सकें |


केंद्र तथा राज्य सरकारों की तरफ से मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ितों का जीवन बचाने तथा आर्थिक तौर पर भी मदद के लिए कोई योजना नहीं चल रही है, हालांकि मस्कुलर डिस्ट्रॉफी पीड़ितों के लिए आंध्र प्रदेश में प्रतिमाह ₹5000, तमिलनाडु और केरल में आर्थिक सहायता, फिजियो थेरेपी तथा इलेक्ट्रॉनिक व्हील चेयर आदि की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है बाकी राज्य सरकारें इस पर ध्यान नहीं दे रही है जो चिंता का विषय है अन्य राज्यों को भी इस पर ध्यान देना चाहिए, इसको राजनीति के नहीं मानवता के नजरिए से देखने की आवश्यकता है l


महोदय जी, यह मामला बेहद ही गंभीर एवं संवेदनशील है लाखों बच्चों एवं लाखों परिवारो की जिंदगी तथा भविष्य का सवाल है, आपसे निवेदन है कि इस मामले को तत्काल संज्ञान में लेकर उचित कार्यवाही करने की कृपा करें, आपका यह छोटा सा प्रयास लाखों बच्चों की जिंदगी बचा सकता है। हम सभी हमेशा आपके आभारी रहेंगे।


धन्यवाद- लव तिवारी