जलवायु परिवर्तन एवं नदी संरक्षण जन चेतना अभियान का आयोजन दिनांक 26 जून 2025 दिन बृहस्पतिवार को प्रातः 10:00 बजे से आलम पट्टी बलिया रोड गाजीपुर स्थित द ईडेन पैलेस में हो रहा है जिसके मुख्य अतिथि जल पुरुष भाई राजेंद्र सिंह जी है। इस उत्कृष्ठ सामाजिक कार्यक्रम का निमंत्रण पत्र गाजीपुर के जाने-माने महान समाजसेवी श्री श्रीवास्तव जी एवं उनके सहयोगी द्वारा हमें प्रदान किया गया।
आज के वैज्ञानिक युग में जलवायु परिवर्तन और नदी संरक्षण दो अत्यंत महत्वपूर्ण विषय हैं। जलवायु परिवर्तन जहां धरती के वातावरण में दीर्घकालिक बदलाव, जैसे कि औसत तापमान में वृद्धि, वर्षा के पैटर्न में बदलाव, समुद्री स्तर का बढ़ना आदि। इसका मुख्य कारण है मानवीय गतिविधियाँ —जैसे कि जंगलों की कटाई, जीवाश्म ईंधन का अत्यधिक प्रयोग, औद्योगिक प्रदूषण, और कार्बन उत्सर्जन।इस जलवायु परिवर्तन का सीधा असर हमारी नदियों पर भी पड़ता है। नदियाँ सूख रही हैं, उनका जलस्तर घट रहा है, और उनमें प्रदूषण तेजी से बढ़ रहा है। वर्षा की अनिश्चितता और ग्लेशियरों के पिघलने से नदियों का प्राकृतिक प्रवाह प्रभावित हो रहा है। इससे न केवल पेयजल की समस्या उत्पन्न हो रही है, बल्कि कृषि, उद्योग और जैव विविधता पर भी संकट मंडरा रहा है।नदी संरक्षण इसलिए आवश्यक है क्योंकि नदियाँ जीवनदायिनी हैं। इनके बिना न मानव जीवन संभव है, न ही पारिस्थितिकी संतुलन। नदी संरक्षण के लिए हमें निम्नलिखित उपाय करने चाहिए:
१-नदियों में कचरा, प्लास्टिक और रसायनिक अपशिष्ट डालने पर रोक लगानी चाहिए।
२-जल स्रोतों के पास वृक्षारोपण को बढ़ावा देना चाहिए यह वृक्षारोपण जनपद किसी एक दो समाजसेवी से नहीं बल्कि हर व्यक्ति के करने से पर्यावरण एवं नदी संरक्षण जैसे महान कार्य को प्रमुख दिशा मिल सकती है।
३-औद्योगिक इकाइयों से निकलने वाले प्रदूषकों को पहले शोधित करना चाहिए।
४-जलग्रहण क्षेत्रों का विकास करना चाहिए जिससे वर्षा जल का संचयन हो सके।
५-लोगों में जागरूकता फैलानी चाहिए कि स्वच्छ नदियाँ ही हमारे भविष्य की गारंटी हैं।
६-जलवायु परिवर्तन को नियंत्रित करना चाहते हैं, तो हमें नदियों का संरक्षण करना ही होगा। यह कार्य अकेले सरकार का नहीं, बल्कि हम सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है।
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