मेरा ब्लॉग मेरी रचना- लव तिवारी संपर्क सूत्र- +91-9458668566

नवंबर 2020 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

we are performing in bhail bihan program in mahuaa chanel

This is default featured slide 2 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 3 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 4 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

This is default featured slide 5 title

Go to Blogger edit html and find these sentences.Now replace these sentences with your own descriptions.

Flag Counter

Flag Counter

मंगलवार, 17 नवंबर 2020

समर्पित सहयोगी और संसाधनों को जुटाने के लिए आध्यात्मिक शक्तियों की आवश्यकता प्रवीण तिवारी पेड़ बाबा

सबका सहयोग करने, समर्पित सहयोगी और संसाधनों को जुटाने के लिए आध्यात्मिक शक्तियों की आवश्यकता ::--
***********************************************************
आज के भौतिक चकाचौंध के समय में मनुष्य बेतहाशा संसाधनों को इकट्ठा करने के प्रयास में इतना दूर निकल जा रहा है कि थकान होने पर उसको अपने आस पास कोई नजर ही नहीं आता । कुछ लोग जो उसको साथ चलते प्रतीत हो रहे थे थकने पर उसे यह एहसास होता है कि ये सभी मात्र एक दौड़ का हिस्सा थे जिसमें गिरने और थकने पर साथ दौड़ने वाले और खुश ही होते हैं ।
परन्तु अब इंसान एक मात्र अकेलापन और उदासी के और कर भी क्या सकता है । चुँकि वह तो जीवन भर लोहा और मिट्टी की ढेर ही जुटाने में लगा रहा इसलिए अकेला होने पर उस इंसान का साथ देने के लिए मात्र यही लोहा और मिट्टी का ढेर रह जाता है ।
सड़कों पर लोग दौड़ते हुए से प्रतीत होते हैं । पता नहीं उनकी दौड़ कहाँ जाकर पूरी होती होगी ? आखिर इंसान भौतिकता के मद में इतना भावशून्य कयों होता जा रहा है ? अब तो सेवा मात्र कहानियों तक सिमट कर रह गई है । जबतक शरीर हट्टा कट्टा रहता है मनुष्य एक मद में रहता है इस दौरान उसका समय भी बहुत तेजी से बीतता चला जाता है ।
परंतु प्रत्येक मनुष्य के जीवन में एक समय ऐसा भी आता है जब शरीर शिथिलता की ओर बढ़ने लगता है और तब चारों ओर से वह उपेक्षित होने लगता है । ऐसे मनुष्य को अपना एक क्षण भी बहुत लंबा और उबाऊ लगता है, फिर लंबा समय तो कहिए भी मत कि बिताना कितना मुश्किल होता होगा ।
मित्रों हमें ऐसे लोगों के लिए भी खुद को उपलब्ध करवाना है । हमें ऐसे लोगों की तलाश करनी है जिनके भीतर सेवा भाव हो । हमें ऐसे लोगों की एक टीम बनानी है । हमारी टीम के लोग भनक लगते ही पीड़ितों के सेवा और सहयोग के लिए नि:स्वार्थ भाव से दौड़ पड़ें, हमें ऐसी टीम बनानी है ।

(((हम एक इंसान हैं दुनिया बड़ी है हम ऐसे लोगों को नहीं तलाश सकते इसके लिए हमें परमात्मा का सहयोग लेना होगा ।)))



शुक्रवार, 13 नवंबर 2020

इनके दीये भी ख़रीदो जो आस लगाए बैठे है। अपने मेहनत की मजदूरी का विश्वास लगाए बैठे है- लव तिवारी

इनके दीये भी ख़रीदो जो आस लगाए बैठे है।
अपने मेहनत की मजदूरी का विश्वास लगाए बैठे है।।

वो बम पटाखो की चकाचौध में तुम ढूढ़ते हो चन्द खुशियां को।
इनके मेहनत को भी परखों जो घर बार लागाये बैठे है।।

कई दीप जलाओ इनके नाम पर, दे दो इनको भी कुछ खुशियां।
मिट्टी के बर्तन के कई नमूनों का जो बाजार लागाये बैठे है।।

एक भव्य साधना आत्मबल की, और आत्मसम्मान निर्धनता की।
आत्मनिर्भरता को करके परिभाषित रोजगार लगाये बैठे है।।

रचना- लव तिवारी
युवराजपुर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश २३२३३२

स्वर्गीय कवि श्री शीतल शरण उपाध्याय बाघ की कोठी बघवा टोला गहमर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश- लव तिवारी

अंग्रेजी हुकूमत में महान कवि एवं टाइम ऑफ इंडिया के पत्रकार स्वर्गीय कवि श्री शीतल शरण उपाध्याय जी के नाम पर उनका घर बाघ की कोठी बघवा टोला गहमर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश जो आज जर्जर अवस्था मे अपने अस्तित्व को खो रहा है। एशिया महादीप में सबसे बड़े गांव गहमर में इस कोठी को लैंडमार्क के रूप में जाना जाता है। और आज भी इस पुराने धरोहर रूपी घर के नाम से गहमर गांव का एक पूरा बघवा टोला है।।
अंग्रेजी हुकूमत में जहाँ पण्डित शीतल शरण उपाध्याय जी से  अंग्रेजी सलतनत के पैरों तलो की जमीन खसक जाती है। और अंग्रेजी हुकूमत के बड़े अधिकारियों के रख रखाव व ठहरने के लिए इस विशेष कोठी का प्रयोग उस दौर में किया जाता है। मेरी दादी श्री मति चमेली तिवारी जो पंडित जी की पोती है मेरे दादी के पिता पंडित लाल मोहन उपाध्याय पोस्ट आफिस में कार्यरत थे। उनके स्वर्गवासी होंने के उपरांत इस हवेली एवं  इससे जुड़े लोगों के पतन का दौर चालू हुआ। आज के दिन तक स्वर्गीय बाबा पंडित शीतल शरण उपाध्याय एवं दादी के पिता स्वर्गीय पंडित लाल मोहन उपाध्याय जी द्वारा बनाये गए धन संपत्ति वर्चश्व सब उनके परिवार अगली पीढ़ी द्वारा बर्बाद व बेच दिया गया।।

पूत कपूत त का धन संचय।
पूत सपूत त का धन संचय।।

दादी द्वारा यही कहावत हम हर दम सुनते आए है।। कि अगर पुत्र कपूत होगा तो बड़े से बड़े साम्राज्य का विनाश कर सकता है। अगर पूत सपूत होगा तो उसके पीढ़ी द्वारा उसके संपति न होने पर अपने कमाई द्वारा अपने धन वैभव व बर्चश्व को पा सकता है । आज दिनांक 12- नवम्बर- २०२० को इस परिवार के एक और महान सदस्य पंडित श्री अवधेश उपाध्याय जी का भी देहांत हो गया।। बाबा की तरह ये धरोहर भी एक दिन धराशाही हो जायेगा। मेरे अनुरोध पर पंडित राम प्रकाश उपाध्याय जी के द्वारा इस विशेष इमारत की तस्वीर मिली। इस धरोहर व पुराने यादों को बस इस ब्लॉग पर ही सम्भाल कर रखा जा सकता है ।



स्मृति शेष- 

स्वर्गीय पंडित श्री अवधेश उपाध्याय -पुत्र स्वर्गीय श्री लाल मोहन उपाध्याय पौत्र - स्वर्गीय श्री शीतल शरण उपाध्याय 

पता- शीतल भवन बाघ की कोठी बघवा टोला ग्राम पोस्ट- गहमर जिला - ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश























लेखक- लव तिवारी
पौत्र- श्री मति चमेली तिवारी पत्नी पंडित राम जी तिवारी
ग्राम पोस्ट- युवराजपुर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश 232332
संपर्क सूत्र- +91-9458668566