छुपके छुपाइके नजरिया से
हमके लेले अइह गजरा बजरिया से
गजरा ले आके पिया केश में लगइह
प्यार विश्वास के उमिरिया बढ़इह
बाजी प्रीत के गीत सेजरिया से
हमके लेले अइह गजरा बजरिया से
गजरा त ह पिया प्यार के निशानी
करिह ना कबहूँ तूं येसे बेइमानी
ना त गिर जइब हमरी नजरिया से
हमके लेले अइह गजरा बजरिया से
हमरा के हरदम दिलवा में रखिह
सागर सनेही से बाकी कुछ सीखिह
रहिह बन्हल तूं प्रेम की रसरिया से
हमके लेले अइह गजरा बजरिया से
रचना श्री विद्यासागर स्नेही जी
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