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मैं जखनियां गाजीपुर हूं- नीरज सिंह अजेय हिन्दी साहित्यकार ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

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रविवार, 23 अप्रैल 2023

मैं जखनियां गाजीपुर हूं- नीरज सिंह अजेय हिन्दी साहित्यकार

मैं जखनियां हूँ

हजारों सालों से मैं निरंतर आबाद रहा यह और बात है कि पहले मैं एक छोटा सा गांव था समय की धार के साथ बढ़ते बढ़ते मैं एक छोटी बाजार बना फिर लोगों की जरूरत ने मुझे मशहुर कर दिया |
पहले तो केवल घनश्याम की मिठाई की दुकान, कन्हैया के कपड़े की दुकान थीं हा मुन्ना बरई की पान की दुकान पर भी भीड़ लगतीं थी |
मैंने सन 69 में ट्रेन का नदी में गिरना भी देखा है |
हां मैं वही जखनियाँ हूं जिसमें आज से 50 साल पहले एक बुढ़िया जलेबी बनाती थी पहले मेरे पास आने के लिए सड़क नहीं थी, चारों तरफ से रेह ही रेह थी भला हो बच्चा बाबू रामसिंहपुर का की उन्होंने मुझे अपने जमीन में फलने फूलने दिया |

मैं सालों से लोगों को देखता चला रहा हूं मैंने लोगों को मरते देखा है मैंने बच्चों को जन्म लेते देखा है हां मैंने देखा है कि कैसे कुछ अपराधी मेरी धरती को खुन से लाल कर दिए थे पर तभी मुझे अपने वीर शहीद बेटों अब्दुल हमीद और रामउग्रह पाण्डेय का शौर्य और वीरता अभिमानित कर देती है तभी मुझे याद आता है बुढ़िया माई हथियाराम और संत समाधि स्थल भुड़कुड़ा मेरे अभिमान हैं खटिया बाबा, मौनी बाबा, लकड़ियाँ बाबा का आशीर्वाद मुझे हमेशा मिला |

कभी मोती सेठ और जगरनाथ साव ने मेरे बाजार को मशहूर किया, तो कभी हाकिम प्रधान मंदरा ने |

मेरे स्टेशन ने छोटी लाइन से लेकर बड़ी लाइन तक का सफर देखा है |
बच्चों से तो मुझे हमेशा प्यार रहा है ना जाने कितने बच्चे मेरे स्टेशन और बाजार में खेलकूद के बड़े हुए हैं |

मेरी पहचान तहसील बनने से और बढ़ गई उस दिन मैं बहुत खुश हुआ था पर एक बात का दुख भी था कि मेरे विधायकों ने मेरे लिए कभी कुछ नहीं किया, इनके लिए तो मैं बस एक दुधारू गाय🐄 ही बनीं रहीं |

मेरे अस्पताल पर जब डाक्टर मिश्रा आये तब लोगों का आना जाना और बढ़ गया |
शुरू शुरू में तो मेरे बाजार में चालीस पचास ही दुकानें थीं पर समय के साथ आज हजारों दुकानदार मेरी गोद में पल रहे हैं |

मैं अपनी सड़कों को देखता हूँ तो निराश हो जाता हूँ कि क्या ऐसा कोई मेरा लाल नहीं है कि जो मेरी सड़कों को सही से बनवा सकें |
एक समय जयकिशुन सिंह प्रमुख जी से उम्मीदें जगी थी पर बाद में किसी ने सड़कों की सुध नहीं ली |

डा. इन्द्रदेव सिंह ने मेरे क्षेत्र में शिक्षा का अच्छा प्रसार किया | कपिलदेव गुरुजी मंदरा ने भी मेरे मान सम्मान को बढ़ाने का प्रयास किया | मैने मुहनोचवा से लेकर कोरोना तक देखा है |
मेरे बाजार में सब कुछ मिलता है और मिलता है लोगों का प्रेम... ...
फोटो बहुत पुरानी है।

📝 नीरज सिंह
स्वलिखित रचना, अपने जखनियां बाजार को समर्पित करता हूँ |