शनिवार, 28 मार्च 2015

चंद सपने, चंद साथी हैं अभी तक गाँव में |


चंद सपने, चंद साथी हैं अभी तक गाँव में |
कुछ पुराने पेड़ बाकी हैं अभी तक गाँव में |

वो चुराना आम खाकर कुछ रसीली गालियाँ,
भोर सी यादें सुहानी हैं अभी तक गाँव में |
मुह बनाकर बंदरों सा बंदरों को छेड़ना,
जागती रातें निराली हैं अभी तक गाँव में |
मेड पर वो बैठना वो हाथ लेना हाथ में,
वो फिजायें मुस्कुराती हैं अभी तक गाँव में |
मैं कहाँ तुम भी कहाँ हैं गुम शहर की भीड़ में,
पनघटें हमको बुलाती हैं अभी तक गाँव में |
होती है सुनहली सुबह-ओ-शाम अभी तक गाँव में।
मर्यादा की महीन लकीर बची है अभी तक गांव में।






गुरुवार, 12 मार्च 2015

Maine Har Roj Jamane ko Rang- मैंने हर रोज जमाने को रंग


मैंने .. हर रोज .. जमाने को .. रंग बदलते देखा है ....
उम्र के साथ .. जिंदगी को .. ढंग बदलते देखा है .. !!
वो .. जो चलते थे .. तो शेर के चलने का .. होता था गुमान..
उनको भी .. पाँव उठाने के लिए .. सहारे को तरसते देखा है !!
जिनकी .. नजरों की .. चमक देख .. सहम जाते थे लोग ..
उन्ही .. नजरों को .. बरसात .. की तरह ~~ रोते देखा है .. !!
जिनके .. हाथों के .. जरा से .. इशारे से .. टूट जाते थे ..पत्थर ..
उन्ही .. हाथों को .. पत्तों की तरह .. थर थर काँपते देखा है .. !!
जिनकी आवाज़ से कभी .. बिजली के कड़कने का .. होता था भरम ..
उनके .. होठों पर भी .. जबरन .. चुप्पी का ताला .. लगा देखा है .. !!
ये जवानी .. ये ताकत .. ये दौलत ~~ सब कुदरत की .. इनायत है ..
इनके .. रहते हुए भी .. इंसान को ~~ बेजान हुआ देखा है ... !!
अपने .. आज पर .. इतना ना .. इतराना ~~ मेरे .. यारों ..
वक्त की धारा में .. अच्छे अच्छों को ~~ मजबूर हुआ देखा है .. !!!
कर सको......तो किसी को खुश करो......दुःख देते ........तो हजारों को देखा है‎.

Kisi Din Jara Muskura Kar To Dekho- किसी दिन जरा मुस्कुरा कर

हमेशा हुए देख कर मुझको बेरहम..
किसी दिन जरा मुस्कुरा कर तो देखो...!
सताते हो दिन रात जिस तरह मुझको..
किसी गैर को सता कर तो देखो.....!
निगाहों से खेंची है तस्वीर मैंने..
जरा अपनी तस्वीर आ कर तो देखो....!
तुम्ही को इन आँखों में तुमको दिखाऊ..
इन आँखों से आँखें मिला कर तो देखो....!

बुधवार, 11 मार्च 2015

Sur Badale Tevar Badale Sab -सुर बदले,तेवर बदले,सब

सुर बदले,तेवर बदले,सब शंखनाद क्यों बंद हुए, छप्पन इंची सीने वाले भाषण भी क्यों मंद हुए, केसर की क्यारी में तुमने कमल खिलाया अच्छा है, और नमाज़ी कस्बों में भगवा लहराया अच्छा है, लोकतंत्र की दिए दुहाई,सत्ता सुख में झूल गए, आखिर श्याम प्रसाद मुखर्जी की कुर्बानी भूल गए, भारत माँ फिर से घायल है,अपने ही अरमानो से, सिंहों का अनुबंध हुआ है,गीदड़ की संतानों से, आँखे टेढ़ी किये हुए है,संविधान के खाते पर, देखों मुफ़्ती थूक रहा है लाल किले के माथे पर, अफज़ल के अवशेष मांगने वाले जिद पे अड़े हुए, कुछ तो बिरियानी की प्लेटें ले बॉर्डर पर खड़े हुए, दिल्ली वालों की ज़ुबान भी लाचारी में अटकी है, वीर सैनिकों की कुर्बानी लालचौक पर लटकी है, माँ के सर का पल्लू,वहशी हाथों ने फिर थामा है, लगता है अखंड भारत का भाषण केवल ड्रामा है, पूछ रहा हूँ मोदी जी से,पूछूं भाग्य विधाता से, क्या सत्ता की चाह बड़ी है प्यारी भारत माता से, अगर तिरंगा गद्दारों के चरणों में गिर जाएगा, सवा अरब की उम्मीदों पर पानी ही फिर जायेगा, भरत वंशियों उठो,शत्रु के लोहू का जलपान करो, भारत माँ पर एक नहीं,सौ सरकारे कुर्बान करो, वर्ना दर्द यही निकलेगा,गंगा की फरियादों से, राम के बेटे हार गए हैं जिन्ना की औलादों से,

बुधवार, 4 मार्च 2015

Dard Leta Hai Mere Dil Main-दर्द लेता है मेरे दिल में

दर्द लेता है मेरे दिल में जब अंगराई
जाग उठती है रातों में मेरी तन्हाई..

शायद इतना ही बहुत है कि तुझे देखा
तेरी तस्वीर मेरे रूह में उतर आई..

जब भी रोए गुलाबों को हाथों में लिए
दिल से तेरी ही यादों की महक आई..

इस भरी दुनिया में बस तेरा गम है अपना
इसी गम से मरने की ना नौबत आई..

मंगलवार, 3 मार्च 2015

Ek Ghazal Tere Liye - (एक ग़ज़ल तेरे लिए )


एक ग़ज़ल तेरे लिए ज़रूर लिखूंगी
बे-हिसाब उस में तेरा कसूर लिखूंगी..

टूट गए बचपन के तेरे सारे खिलौने
अब दिलों से खेलना तेरा दस्तूर लिखूंगी..

तेरे बगैर कांटे तनहा हर रात लिखूंगी
भीगी आँखे राह देखते तेरे इंतज़ार लिखूंगी..

तू आया नही थाम ने हाथ वो शाम लिखूंगी
मेरी बर्बादी का हर वो किस्सा तेरे नाम लिखूंगी..

Hai Sabase Madhur wo Geet- हैं सबसे मधुर वो गीत

हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं 
जब हद से गुज़र जाती है ख़ुशी, आँसू भी छलक आते हैं..

काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के 
नादान हैं जो इन काँटों से, दामन को बचाये जाते हैं..

जब ग़म का अंधेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं 
 हर रात का है पग़ाम यही, तारे भी यही दोहराते हैं..

पहलू में पराये दर्द बसाके, हँसना हँसाना सीख ज़रा 
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं..

Mujhame Jadu Koi Jaga To Hai -मुझमें जादू कोई जगा तो है

मुझमें जादू कोई जगा तो है
मेरी बातों में इक अदा तो है..

नज़रें मिलते ही लडखडाया वो
मेरी आँखों में इक नशा तो है..

आईने रास आ गये मुझको 
कोई मुझ पे भी मर मिटा तो है..

धूप की आंच कम हुई तो क्या
सर्दियों का बदन तपा तो है..

नाम उसने मेरा शमां रक्खा 
इस पिघलने में इक मज़ा तो है..

देखकर मुझको कह रहा है वो
दर्दे-दिल की कोई दवा तो है..

उसकी हर राह है मेरे घर तक
पास उसके मेरा पता तो है..

वो पागल मुझको मुझसे मांगे है
मेरे लब पे भी इक दुआ तो है..

Band Kar Du Darwaje Laga Du Ye- बंद कर दूं ये दरवाजे, लगा दूं

बंद कर दूं ये दरवाजे, लगा दूं ये खिड़कियां
फुरसत है, उन्हें यादकर ले लूं मैं हिचकियां..

हमने बनाए जाने कितने सपनों के महल
हिज्र के तूफान ने उजाड़ दी है बस्तियां..

कागज पे लिखी बातें भी दिल तोड़ देती हैं
उनकी खतें पढ़के निकलती है सिसकियां..

तेरी यादों के गुलशन में बैठी मैं कई पहर
आंखों से उड़ती रही अश्कों की तितलियां..


सुकून मिल गया मुझको बदनाम होकर आपके हर इक इल्ज़ाम पे यूँ बेजुबान होकर
लोग पढ़ ही लेंगें आपकी आँखों में मेरी मोहब्बत चाहे कर दो इनकार अंजान होक