मुझमें जादू कोई जगा तो है
मेरी बातों में इक अदा तो है..
नज़रें मिलते ही लडखडाया वो
मेरी आँखों में इक नशा तो है..
आईने रास आ गये मुझको
कोई मुझ पे भी मर मिटा तो है..
धूप की आंच कम हुई तो क्या
सर्दियों का बदन तपा तो है..
नाम उसने मेरा शमां रक्खा
इस पिघलने में इक मज़ा तो है..
देखकर मुझको कह रहा है वो
दर्दे-दिल की कोई दवा तो है..
उसकी हर राह है मेरे घर तक
पास उसके मेरा पता तो है..
वो पागल मुझको मुझसे मांगे है
मेरे लब पे भी इक दुआ तो है..
मेरी बातों में इक अदा तो है..
नज़रें मिलते ही लडखडाया वो
मेरी आँखों में इक नशा तो है..
आईने रास आ गये मुझको
कोई मुझ पे भी मर मिटा तो है..
धूप की आंच कम हुई तो क्या
सर्दियों का बदन तपा तो है..
नाम उसने मेरा शमां रक्खा
इस पिघलने में इक मज़ा तो है..
देखकर मुझको कह रहा है वो
दर्दे-दिल की कोई दवा तो है..
उसकी हर राह है मेरे घर तक
पास उसके मेरा पता तो है..
वो पागल मुझको मुझसे मांगे है
मेरे लब पे भी इक दुआ तो है..
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