हैं सबसे मधुर वो गीत जिन्हें, हम दर्द के सुर में गाते हैं
जब हद से गुज़र जाती है ख़ुशी, आँसू भी छलक आते हैं..
काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के
नादान हैं जो इन काँटों से, दामन को बचाये जाते हैं..
जब ग़म का अंधेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं
हर रात का है पग़ाम यही, तारे भी यही दोहराते हैं..
पहलू में पराये दर्द बसाके, हँसना हँसाना सीख ज़रा
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं..
जब हद से गुज़र जाती है ख़ुशी, आँसू भी छलक आते हैं..
काँटों में खिले हैं फूल हमारे, रंग भरे अरमानों के
नादान हैं जो इन काँटों से, दामन को बचाये जाते हैं..
जब ग़म का अंधेरा घिर आये, समझो के सवेरा दूर नहीं
हर रात का है पग़ाम यही, तारे भी यही दोहराते हैं..
पहलू में पराये दर्द बसाके, हँसना हँसाना सीख ज़रा
तूफ़ान से कह दे घिर के उठे, हम प्यार के दीप जलाते हैं..
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