मेरा ब्लॉग मेरी रचना- लव तिवारी संपर्क सूत्र- +91-9458668566

उठता लहंगा बढ़ती इज्जत- गरीबी मर्द के कपड़े उतारती है अमीरी औरत के- लव तिवारी ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Flag Counter

Flag Counter

शनिवार, 27 मई 2023

उठता लहंगा बढ़ती इज्जत- गरीबी मर्द के कपड़े उतारती है अमीरी औरत के- लव तिवारी

उठता लहंगा बढ़ती इज्जत ?
सन 1980 तक लड़कियाँ कालेज में साड़ी पहनती थी या फिर सलवार सूट।
इसके बाद साड़ी पूरी तरह गायब हुई और सलवार सूट के साथ जीन्स आ गया।
2005 के बाद सलवार सूट लगभग गायब हो गया और इसकी जगह Skin Tight काले सफेद #स्लैक्स आ गए, फिर 2010 तंक लगभग #पारदर्शी_स्लैक्स आ गए जिसमे #आंतरिक_वस्त्र पूरी तरह स्प्ष्ट दिखते हैं।
फिर सूट, जोकि पहले घुटने या जांघो के पास से 2 भाग मे कटा होता था, वो 2012 के बाद कमर से 2 भागों में बंट गया और
फिर 2015 के बाद यह सूट लगभग ऊपर नाभि के पास से 2 भागो मे बंट गया, जिससे कि लड़की या महिला के नितंब पूरी तरह स्प्ष्ट दिखाई पड़ते हैं और 2 पहिया गाड़ी चलाती या पीछे बैठी महिला अत्यंत विचित्र सी दिखाई देती है, मोटी जाँघे, दिखता पेट।

आश्चर्य की बात यह है कि यह पहनावा कॉलेज से लेकर 40 वर्ष या ऊपर उम्र की महिलाओ में अब भी दिख रहा है। बड़ी उम्र की महिलायें छोटी लड़कियों को अच्छा सिखाने की बजाए उनसे बराबरी की होड़ लगाने लगी है। नकलची महिलाए,

अब कुछ नया हो रहा 2018 मे, स्लैक्स ही कुछ Printed या रंग बिरंगा सा हो गया और सूट अब कमर तक आकर समाप्त हो गया यानि उभरे हुए नितंब अब आपके दर्शन हेतु प्रस्तुत है।

साथ ही कॉलेजी लड़कियों या बड़ी महिलाओ मे एक नया ट्रेंड और आ गया, स्लैक्स अब पिंडलियों तंक पहुच गया, कट गया है नीचे से
(पुरुषों की वेशभूषा में पिछले 40 वर्ष मे कोई उल्लेखनीय परिवर्तन नही हुआ)

पहले पुरुष साधारण या कम कपड़े पहनते थे, नारी सौम्यता पूर्वक अधिक कपड़े पहनती थी, पर अब टीवी सीरियलों, फिल्मों की चपेट में आकर हिन्दू नारी के आधे कपड़े स्वयं को Modern बनने में उतर चुके हैं।
यूरोप द्वारा प्रचारित #नंगेपन के षडयंत्र की सबसे आसान शिकार, भारत की मॉडर्न महिलाए है, जो फैशन के नाम पर खुद को नंगा करने के प्रति वेहद गंभीर है, पर उन्हें यह ज्ञात नहीं कि वो जिसकी नकल कर इस रास्ते पर चल पड़ी है, उनको इस नंगापन के लिए विज्ञापनों में करोड़ो डॉलर मिलते है। उन्हें कपडे न पहनने के पैसे मिलते हैं।
यहाँ कुछ महिलाए सोचेंगी की हमे क्या पहनना है ये हम तय करेंगे कोई और नहीं, तो आप अपनी जगह बिलकुल सही हैं, लेकिन ज़रा सोचिये यदि आप ऐसे कपडे पहनती हैं जिसके कारण आप खुद को असहज महसूस करती हो, ऐसे दिखावे के कपडे पहनने से क्या फायदा?

कल्याण - नारी अंक, गीताप्रेस अवश्य पढ़ें।
यह पोस्ट केवल हमारी बहु, बेटियों, माताओं, बहनों को यूरोप द्वारा प्रचारित नंगेपन के षडयंत्र का शिकार बननें से रोकने के लिए है, यदि इस पोस्ट को आप अपनें बहनों, बेटियों से शेयर करें तो हो सकता है, हमारा आनें वाला समाज प्रगति की ओर तत्पर होवे।

और हां सुनो लडकियों/महिलाओं जो आपके शुभचिंतक हैं वही चाहते हैं कि आप मर्यादा मे सुशोभित और सुसज्जित रहें आप की तरफ कोई नजर उठाकर ना देखे वरना दुनिया तो नंगा ही देखना चाहती है।

Note-अगर कम कपड़े पहनना ही मॉडर्न होना है
तो जानवर इसमें आप से बहुत आगे हैं-