गुरुवार, 26 मई 2016

अब बारी है चाचा नेहरू के बलिदानों की

आज बारी नेहरू जी के बलिदानों की।।

प्रथम प्रधानमंत्री नेहरू जी के भारत के लिए बहुत बलिदान दिए, जिनमे से कुछ का उल्लेख नीचे दे रहा हूँ-

1- 1947 में जब सेना कश्मीर में जीत की कगार पर थी, तो ceasefire लगा दिया, जिससे पूरा कश्मीर हमारे हाथ आते-आते रह गया।

2- कश्मीर का मुद्दा UN में ले जाना सबसे बड़ी बेवकूफी, हमारे ही देश के लोगों को हमारे देश के किसी हिस्से से बाहर कर दो, और जिहादियों और मुल्लों को बसाकर वहां जनमत संग्रह करवाओ तो क्या वो हिस्सा आपको मिलेगा क्या?

3- नेहरू जी हैदराबाद रियासत को भारत में मिलाना ही नहीं चाहते थे। तत्कालीन गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल ने हैदराबाद में सेना को भेजकर ऑपरेशन पोलो चलाया था,तब निजाम ने मज़बूरी में घुटने टेके थे, निजाम नेहरू जी के आने का इंतज़ार कर रहे थे लेकिन सरदार पटेल जी ने नेहरू का प्लेन उतरने ही नहीं दिया था। आज भी वह टेलीफोन टूटी अवस्था में संग्रहालय में रखा है जिसपर नेहरू जी ने यह सुना था कि हैदराबाद अब भारत का हिस्सा है।

4- कश्मीर में अनुच्छेद-370 लगाकर पाकिस्तान का अधिकार अधिक कर दिया। सभी नेता और वरिष्ठ जानकार लोग इस फैसले के विरोध में थे, यहाँ तक कि बाबा साहब भीमराव अंबेडकर ने भी इस फैसले का विरोध किया था, उन्होंने कहा था कि यह देशविरोधी है।

5- अक्साई चिन का बड़ा भू-भाग चीन को गिफ्ट दिया। यह तो आप सब जानते ही हैं, कर्ण के बाद दानवीर की उपाधि नेहरू जी को ही मिलनी चाहिए।

6- UN सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता चीन को मुफ़्त दे दी, एक बार फिर नेहरू जी ने दानवीर कर्ण को पीछे छोड़ने का प्रयास किया।

7- 3 चरण तक प्रधानमंत्री रहे, लेकिन बस अय्याशी की, कोई कार्य नहीं किया देश की बेहतरी और गरीबी को कम करने के लिए। कपड़े फ्रांस में धुलते थे, गर्मियां स्विट्ज़रलैंड में मनाते थे। दुनिया भर का भ्रमण कर डाला प्रधानमंत्री रहते हुए, लेकिन देश के लिए ढेला कुछ नहीं किया।

8- एक जानकार के अनुसार सड़क, बिजली और पानी की मूलभूत समस्यायें तो तभी पूरी हो जानी चाहिए थी जब नेहरू जी प्रधानमंत्री थे, ऐसा न होना दर्शाता है कि नेहरू का नेतृत्व कितना क्षीण था।

9- पाकिस्तान बनाने के लिए स्वयं को भारत रत्न दे डाला। मैंने कहा न नेहरू जी दान के मामले में दानवीर कर्ण को पीछे छोड़ना चाहते थे, इसीलिए उन्होंने मुस्लिमों को एक टुकड़ा भूमि दान में दी, और उसी के लिए स्वयं को भारत रत्न दे डाला।

10- यह सर्वदा सत्य है कि नेहरू जी जबतक रहे तबतक उन्हें भारत से अधिक चिंता अपने पड़ोसियों की रही, फिर वह पाकिस्तान हो या चीन।

Source- Whatsapp

सोमवार, 23 मई 2016

विकास की आशाओ में खोया शहर ग़ाज़ीपुर

#VoteforBJP,#VoteforDevelopment , #BJP , #Yuvrajpur #Ghazipur , #Bjputtarpradesh

#उपचुनाव #जंगीपुर #विधानसभा
राजनीती करने की भी एक हद होती है, #राजनीति मर्यादा में रह कर किया जाय तो बहुत बढ़िया, फिर लोगो को धन और झूठे वादों का प्रलोभन दिया जा रहा है, सुना है आज हमारे पैतृक गांव #युवराजपुर #ग़ाज़ीपुर में दलित बस्ती ने वोट मागने वर्तमान #सरकार के कुछ लोग पहुचे , झूठे वादों के साथ कुछ धन प्रलोभन भी दिया गया, हमने अपने पिछले पोस्ट में भी लिखा है #समाजवादी #पार्टी द्वारा दिए गए झूठे प्रलोभन में मत आये , इस #पार्टी ने वक्तिगत विकास पर जोर देकर केवल मंत्री और उनके सगे संबंधी पर के विकास पर जोर दिया है
वही भारतीय जनता पार्टी की बात करे तो वो एक सामूहिक विकास को ध्यान में रख कर , विकास के नए नए एजेंडा के साथ सभी जाति , सभी #वर्ग और सभी लोग का विकास के बारे में सोचती है, इसका जवलंत उदहारण आप के सामने है
1- #ग़ाज़ीपुर से नए ट्रेन को #दिल्ली और #मुम्बई के लिए चलाये जाने की नयी मुहीम
2- #उज्जवला के द्वारा सभी गरीब वर्गों के लिए #रसोई घर में नए #गैस कनेक्शन का वितरण , इससे वातावरण को भी #प्रदूषित होने से बचेगा
3- जैसा कि हमने पिछले पोस्ट में लिखा था किसी व्यक्ति का विकास उसके क्षेत्र का विकास होता है , इस बात की भी रुपरेखा देख लीजिये
पिछले 50 वर्षो में हमारे #देश की पृष्टभूमि पर एक अनोखा जिला ग़ाज़ीपुर अग्रेजो के ज़माने में इस जिले का एक अलग महत्व हुआ करता था उस ज़माने में यहाँ पर दो हवाई अड्डों की चालू दशा थी अंधुउ हवाई अड्डा जो ग़ाज़ीपुर गोरखपुर के मार्ग पर स्थित है और दूसरा सहबाज कुली हवाई अड्डा जो ग़ाज़ीपुर बलिया मार्ग पर स्थित है , #गुलाबजल और #अफीम की बड़े मात्रा में उत्पाद जो अब धीरे धीरे पतन को अग्रसर है
उत्तर प्रदेश के सरकार में 8 विधयाको में से जब 4 विधायको को मंत्री पद की गोपनीयता की सपथ दिलाई गयी तो एक उम्मीद की आशा ग़ाज़ीपुर को दिखने लगी थी लेकिन #मंत्री और #सरकार सामूहिक विकास को भूल कर वक्तिगत विकास की और अग्रसर दिखे और फिर वही उत्तर प्रदेश का एक #गुमनाम शहर ग़ाज़ीपुर विकास के आशाओ में खो गया , आज भी लोगों को अपने शहर का पता बताने के लिए ग़ाज़ीपुर के साथ बनारस शहर का नाम लेना पड़ता है की भैया हम लव तिवारी घर ग़ाज़ीपुर से है जो बनारस शहर के पास है
केंद्रीय में भारतीय जनता पार्टी की सरकार से एक उम्मीद की किरण आती हुयी नजर आ रही है, और ऐसा लगता है की हमें बहुत कुछ चाहिए जो पिछले सरकारो ने हमें नहीं दिया
वाराणसी ग़ाज़ीपुर से #गोरखपुर के 6 लेंन सड़क मार्ग का विकास और भी बहुत कुछ विकास अभी बाकी है जो आप समस्त ग्राम वासियो  के सहयोग से ही पूर्ण होगा
धन्यबाद
प्रस्तुति लव तिवारी
युवराजपुर गाज़ीपुर

रविवार, 22 मई 2016

यह कैसी है दिल्ली सरकार की मुहिम

कल लिखे एक  पोस्ट को  नेशनल दुनिया न्यूज पेपर के पृष्ट पर प्रकाशित किया गया
सफ़र कुछ 80 किलो मीटर का और हम और सुखविन्दर पा जी, सफ़र को आसान बनाने के लिए गुफ्तगू भी जरूर है हमने सरदार जी से पूछ बैठे किसकी सरकार आप को अच्छी लगी , और आप तो दिल्ली के हो साहब और केजरीवाल सरकार को आप ने ही तो कुर्सी दिए हो , एक #सरदार और दूसरे में टैक्सी और ऑटो ड्राईवर , बोला बस 5 साल ही केजरीवाल इसके बाद नहीं , सरदार जी बोले दिल्ली में टैक्सी नंबर की सारी गाडियो को डीजल मुक्त बनाने की दिल्ली सरकार की मुहीम हमें समझ नहीं आई , क्यों की #CNG तो केवल दिल्ली तक सीमित रहेगी  फिर हम बाहर के क्लाइंट को कैसे हैंडल करेगे और प्राइवेट गाडियो को डीजल युक्त उससे प्रदूषण भी होगा लेकिन उसे बंद कर देगा तो राजनीति कैसे होगी ,और बन्दे वोट कैसे देगे ,और दूसरी बात #देश का पहला #मुख्यमंत्री जो सबसे जादा पीटा गया है और इसके सबसे जादा मिमिक्री भी रेडियो और टीवी पर  की जाती है ,
लंबा सफ़र था #केजरीवाल और दिल्ली को छोड़ कर  देश की राजनीती पर कांग्रेस सरकार के बारे में क्या हाल है  तो साहब ने झट से बोल दिया ये तो चोरो और घूसखोरो की सरकार है अब इसके पीछे 1984 का सिख दंगा हो या फिर और कोई नाराजगी
#बीजेपी और #प्रधानमंत्री के विकास के बारे में पूछा तो सरदार जी बोले की सही नेतृत्व कर रहे अपने मोदी साहब साथ में गरीबो और निम्न वर्गो को लेकर चलने वाली सरकार है


थोड़े देर बाद सरदार जी के मन में हमारा ही प्रश्न आप तो #उत्तरप्रदेश से है और आगामी #विधान_सभा_चुनाव_2017 में किसकी सरकार का गठन  होगा आप के प्रदेश में , मैंने सरदार जी को जो उत्तर प्रस्तुत किये उसका कुछ रूप आप सभी के सामने प्रस्तुत किया और बोला की पा जी उत्तर प्रदेश कोई छोटा प्रदेश नहीं जिसकी #राजनितिक #विश्लेषण कर सके लेकिन फिर भी आप ने मेरे प्रशनो का जबाब दिया तो हमें भी बताना जरुरी है , उत्तर प्रदेश में सरकार बसपा और सपा की क्रमशः बनती है एक बार #सपा और दूसरी बार #बसपा , और जिस प्रकार आरछण के वजह से सही व्यक्ति विशेष का चुनाव संभव नहीं उसी प्रकार सरकार की राजनीती आरछण की तरह नेताओ के #फर्जी  साजिश और झूठे वादों के कुपोषित होकर रह गयी है चुनाव के द्वारान वोट की राजनीती मूलतः #शराब , #पैसा  #जातिवाद और #परिवारवाद तक सिमित होकर रह गयी है ,इस सारे बातो का एक ही मतलब है हम कब तक दुसरो के कहने पर वोट देते रहेगे #वोट देने से पहले एक बार सोचे समझे और फिर इस विशेष #अधिकार का सही प्रयोग करे


प्रस्तुति - लव तिवारी

सबका सहयोग एक शुरुवात

सबका सहयोग एक शुरूआत
निःशुल्क प्याऊ
ग़ाज़ीपुर वाराणसी रोड पर प्याऊ की व्यवस्था ,पूरी गर्मी तक  क्षेत्र वासियो को पानी पिलाते और धर्मार्थ कार्य करते  परम पूज्य गुरु जी S N Tiwari और उनके पुत्र प्रवीण तिवारी Praveen Tree और उनके सहयोगी जन ,पिता और पुत्र दोनों लोगो की कृपा हम पर हमारे विद्यार्थी जीवन में पड़ी है गुरु जी के द्वारा हमें सिटी इण्टर कॉलेज  ग़ाज़ीपुर में गणित विषय का अध्यन और उनके पुत्र के द्वारा घर पर अध्ययन का कार्य हमारे विद्यार्थी जीवन को मिला है, आज दोनों लोगो द्वारा ग़ाज़ीपुर के गरीब बच्चों को मुफ़्त में शिक्षा के साथ समय समय पर भोजन और भीषण गर्मी में गरीब बच्चों के सहयोग से राहगीरों को शीतल जल से जलपान की व्वस्था इनकी संस्था सबका सहयोग एक शुरुवात के द्वारा की जाती है इस तरह के सामाजिक कार्य को कर शारीर को एक विशेष आनंद की प्राप्ति होती है वैसा आनंद न कही 5 स्टार होटलो में है न कही बहुत से सुख सुविधाओ से युक्त जीवन शैली में है

पिछले दिनों एक इसी तरह के पोस्ट पर एक फेसबुक महिला मित्र ने कमेंट किया था कि आप सब इस तरह के कार्यो को क्यों नहीं अंजाम देते हो वो पोस्ट मूलतः नोएडा दिल्ली एनसीआर से सबंधित था, मैं पिछले महीने मध्यप्रदेश की यात्रा पर गया था वहाँ भी रेलवे स्टेशन पर निःशुल्क और गर्मी में प्याऊ की व्वस्था थी  लेकिन अभी तक हमें दिल्ली एनसीआर में इस तरह के कार्यो का प्रारूप कही नहीं मिला क्यों की यहाँ आदमी व्यस्त है धन और शोहरत कमाने में , यहाँ किसी को अपने परिवार को तो समय ही नही है तो आप जनता और समाज में समाजसेवी बनाना  बहुत दूर की बात है, हा कुछ लोग है जो मजबूरी वश चाह कर भी इस तरह के कार्यो को अंजाम नहीं दे पाते है और वो मजबूरी प्राइवेट नौकरी ,अप्रयाप्त धन या लोगो का सहयोग न मिलाना हैं,

शनिवार, 21 मई 2016

विकास की गति में राजनितिक दल का विशेष योगदान

सफ़र कुछ 80 किलो मीटर का और हम और सुखविन्दर पा जी, सफ़र को आसान बनाने के लिए गुफ्तगू भी जरूर है हमने सरदार जी से पूछ बैठे किसकी सरकार आप को अच्छी लगी , और आप तो दिल्ली के हो साहब और केजरीवाल सरकार को आप ने ही तो कुर्सी दिए हो , एक #सरदार और दूसरे में टैक्सी और ऑटो ड्राईवर , बोला बस 5 साल ही केजरीवाल इसके बाद नहीं , सरदार जी बोले दिल्ली में टैक्सी नंबर की सारी गाडियो को डीजल मुक्त बनाने की दिल्ली सरकार की मुहीम हमें समझ नहीं आई , क्यों की #CNG तो केवल दिल्ली तक सीमित रहेगी  फिर हम बाहर के क्लाइंट को कैसे हैंडल करेगे और प्राइवेट गाडियो को डीजल युक्त उससे प्रदूषण भी होगा लेकिन उसे बंद कर देगा तो राजनीति कैसे होगी ,और बन्दे वोट कैसे देगे ,और दूसरी बात #देश का पहला #मुख्यमंत्री जो सबसे जादा पीटा गया है और इसके सबसे जादा मिमिक्री भी रेडियो और टीवी पर  की जाती है ,

लंबा सफ़र था #केजरीवाल और दिल्ली को छोड़ कर  देश की राजनीती पर कांग्रेस सरकार के बारे में क्या हाल है  तो साहब ने झट से बोल दिया ये तो चोरो और घूसखोरो की सरकार है अब इसके पीछे 1984 का सिख दंगा हो या फिर और कोई नाराजगी

#बीजेपी और #प्रधानमंत्री के विकास के बारे में पूछा तो सरदार जी बोले की सही नेतृत्व कर रहे अपने मोदी साहब साथ में गरीबो और निम्न वर्गो को लेकर चलने वाली सरकार है

थोड़े देर बाद सरदार जी के मन में हमारा ही प्रश्न आप तो #उत्तरप्रदेश से है और आगामी #विधान_सभा_चुनाव_2017 में किसकी सरकार का गठन  होगा आप के प्रदेश में , मैंने सरदार जी को जो उत्तर प्रस्तुत किये उसका कुछ रूप आप सभी के सामने प्रस्तुत किया और बोला की पा जी उत्तर प्रदेश कोई छोटा प्रदेश नहीं जिसकी #राजनितिक #विश्लेषण कर सके लेकिन फिर भी आप ने मेरे प्रशनो का जबाब दिया तो हमें भी बताना जरुरी है , उत्तर प्रदेश में सरकार बसपा और सपा की क्रमशः बनती है एक बार #सपा और दूसरी बार #बसपा , और जिस प्रकार आरछण के वजह से सही व्यक्ति विशेष का चुनाव संभव नहीं उसी प्रकार सरकार की राजनीती आरछण की तरह नेताओ के #फर्जी  साजिश और झूठे वादों के कुपोषित होकर रह गयी है चुनाव के द्वारान वोट की राजनीती मूलतः #शराब , #पैसा  #जातिवाद और #परिवारवाद तक सिमित होकर रह गयी है ,इस सारे बातो का एक ही मतलब है हम कब तक दुसरो के कहने पर वोट देते रहेगे #वोट देने से पहले एक बार सोचे समझे और फिर इस विशेष #अधिकार का सही प्रयोग करे

प्रस्तुति - लव तिवारी

बुधवार, 18 मई 2016

पंचायत चुनाव और मेरा गाँव युवराजपुर - लव तिवारी

मेरी कलाम से, पंचायत चुनाव विशेष -2015
कालक्रम में परिवारवाद की परिभाषा हो गई है। रिश्तेदारी पर आधारित पक्षपात कई लोग इसको काफी संकुचित रूप में लेते हैं। उनके अनुसार न केवल रिश्तेदारों को जिम्मेदार के पद पर बिठाया जाता है। बल्कि ऐसा करते समय उसकी अयोग्यता और  उनके पिछले आचरण सामाजिक निष्ठा को भी ध्यान मे नही रखा जाता है I हम अपने गाँव के परिवारवाद का ज़िक्र करेगे और उनके कुछ बिन्दुओ पर प्रकाश डालेगे-

1- यहा पर जितनी भी वृधा पेंशन है पहले अपने परिवार के सदस्यो को दिया जाता है, बाद मे जनता को भी नही उनके समर्थक को जिन्होने उन्हे प्रधान प्राप्ति मे सहयोग किया है

2- हॅंड पंप को भी अपने परिवार और परिवार के सदस्यो के घर और द्वार पर लगाया जाता है
3- अगर परिवार या परिवार का कोई भी सदस्य अनेतिक कार्य करता है तो उस पर उसका पूरा सहयोग किया जाता है

4-सरकारी संपतियो का पूर्ण खर्च अपने परिवार और परिवार के विकास के कार्यो मे होता है जैसे चार पहिया गाड़ी, अपने भवन निर्माण ,बॅंक बॅलेन्स इत्यादि

किसी भी जगह की राजनीति के तीन मुख्य कारण है
परिवारवाद
जातिवाद
समाजवाद
परिवार वाद का हम ज़िक्र कर चुके है जातिवाद भी अहम् मुद्दा है अपने गाँव को एक सही सरपंच की ज़रूरत है जो सही रूप से समाजवाद को परिभाषित करे,हमे इस बात की खुशी हो रही है कि हमारे बड़े इस खूली बहस मे हमारा साथ दे रहे है और कुछ ऐसी बात भी बता रहे है कि जो हमे नही पता है जैसे बाबा अजय तिवारी के द्वारा अस्पताल की बात, जो सन 1981 मे 7 बिस्तर का प्राइमरी स्वास्थ्य केंद्र सीधे स्वास्थ्य मंत्री ने स्वीकृत किया था

बाद मे माननीय पी के तिवारी जी के द्वारा एक कॉलेज भी हमे प्राप्त हुआ था जो ग्राम के वासीयो ने ज़मीन के वजह से ठुकरा दिया क्यो की किसी सार्वजनिक कम के लिए कोई अपनी ज़मीन तो देगा नही और ग्राम सभा की ज़मीन पर कुछ अराजक लोगो ने कब्जा जमाए रखा है

प्रस्तुति -लव तिवारी

मंगलवार, 17 मई 2016

Many Indian Girls Have Faced Dowry Demand -‪दहेज़‬ और ‪‎धोखाधड़ी‬


दहेज़ एक बहुत बड़ा अभिशाप है , लेकिन धोखाधड़ी उससे बड़ा अपराध है, अब आप के मन में ये वथित करने वाला प्र्शन कि ये धोखाधड़ी क्या है, जब किसी लड़की के पिता के द्वारा‪#‎लड़की‬ को अच्छे लडके के रूप में सही वर की तलाश की जाती है तो उस लडके के पिता या घर के सदस्यों द्वारा लडके की योग्यता, उसके ‪#‎इनकम‬, उसके ‪#‎लाइफ‬ स्टाइल और‪#‎आर्थिक‬ स्थिति को बड़ा चढ़ा के पेश करने की प्रक्रिया ही धोखाधड़ी है, जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते है कि पिता के जीवन भर की जमा पूजी को वो अपने बेटी पर नौछावर कर देता है लेकिन ‪#‎वास्तिवकता‬ का ज्ञान होने पर उसकी ‪#‎मानसिक‬ स्थिति को बहुत आधात पहुचता है, और तब तक बहुत देर हो जाती है, अकसर लडके के बारे में वास्तविक जानकारी शादी होने के बाद ही पता चलती है , फिर कभी कभी इस बात की पुष्टि हो जाती है लडके द्वारा कभी कोई नौकरी की ही नहीं गयी है ये तो शादी और शादी में दहेज़ के लिए किया गया षड्यंत्र है,
तब तक बहुत देर हो जाती है, और लडके और उसके परिवार द्वारा किया गया षड़यँत्र भी पूर्ण होता नजर आता है, फिर लडके द्वारा लड़की के पिता के द्वारा दिए गए पैसो पर मौज की जिंदगी का एक नया खेल जो उसके द्वारा खेला जाता है तब तक पत्नी रूप की दर्जा प्राप्त लड़की को भी सारी बातो को ज्ञान धीरे धीरे करके पता लग जाता है, लेकिन अब उसका घर उसका अपना न हो कर पति का घर होता है ,और वो अपने कर्मो को दोष देकर अपने अन्याय कज साथ देकर अपने दुःख रहित जीवन को जीने का प्रयत्न कराती है, माँ बाप की दुलारी बेटी की ये मनोस्थिति के पीछे एक सामाजिक षड़यँत्र का वो घिनोना चेहरा सामने आता है ,इस ‪#‎सामाजिक‬ षड़यँत्र को कुछ ही बेटियां झेल पता है और आत्महत्या का रूप लेकर अपने जीवन को समाप्त कर लेती है, ‪#‎आत्महत्या‬ के पीछे की वजह भी एक विशेष प्रकार की है बेटी को इस बात का संदेह रहता है उसके नाम का प्रयोग करके उसके माँ ‪#‎बाप‬ को और लुटने की कोशिश की जायेगी , फिर बेटी जीना नहीं मरना को अपना निर्णय बनती है और इस‪#‎खूबसूरत‬ ‪#‎दुनिया‬ को उम्र के इस छोटे ‪#‎पड़ाव‬ में ही ‪#‎अलविदा‬ कह देती है,
प्रस्तुति - लव तिवारी

सोमवार, 16 मई 2016

विकास के पथ पर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश -लव तिवारी

वोट4बीजेपी #VoteforDevelopment,

माननीय मनोज सिन्हा के द्वारा किये गए कार्यो की  विवरण निम्नवत है

1) छपरा-बलिया-गाजीपुर व #वाराणसी रेल खंड का #दोहरीकरण। कुल आवंटित धनराशि छह अरब नौ करोड़ चार लाख।

2) मऊ-गाजीपुर-ताड़ीघाट नई रेल लाइन के साथ गंगा पर रेल कम रोड ब्रिज। लागत लगभग एक हजार 45 करोड़।

3) छपरा-बलिया-गाजीपुर-इलाहाबाद रेल खंड का विद्युतीकरण। लागत चार अरब 15 करोड़ 15 लाख।

4) #रेलवे ओवरब्रिज सैदपुर, नंदगंज, महाराजगंज, जमानियां। लागत एक अरब नौ करोड़ 81 लाख।

5) गाजीपुर वाशिंग पिट की स्वीकृति। लागत 12 करोड़ 60 लाख।

6) रेलवे स्टेशनों का विकास। गाजीपुर सिटी, औड़िहार, सैदपुर, सादात, नायकडीह हाल्ट, जखनियां, दुल्लहपुर, नंदगंज, यूसुफपुर, जमानियां, दरौली, दिलदारनगर, भदौरा, गहमर व बारा हाल्ट। लागत 32 करोड़ 85 लाख।

7) रेलवे जोनल ट्रेनिंग इंस्ट्टीयूट। लागत लगभग 14 करोड़।

8) गाजीपुर #सिटी स्टेशन वाई-फाई की सुविधा से लैस।

9) नई ट्रेनों का संचालन-#बलिया-वाराणसी डीएमयू, पटना-बक्सर-मुगलसराय-वाराणसी इएमयू, छपरा-लखनऊ एक्सप्रेस वाया बलिया-गाजीपुर। मऊ-औड़िहार-वाराणसी-इलाहाबाद डीएमयू।

10) वाराणसी-गोरखपुर एनएचआई की विशेष मरम्मत के लिए 58 करोड़ रुपये स्वीकृत।

11) वाराणसी-#गोरखपुर राष्ट्रीय राजमार्ग को चार लेन बनाने का प्रस्ताव स्वीकृत। लागत 3008 करोड़।

12) गाजीपुर-हाजीपुर एनएच की मरम्मत के लिए 44 करोड़ रुपये स्वीकृत।

13) गाजीपुर-जमानियां एनएच की विशेष मरम्मत का काम शुरू।

14) बिजली समस्या के समाधान के लिए राजीव गांधी ग्रामीण विद्युतीकरण योजना के तहत 208 करोड़ रुपये अवमुक्त।

15) गाजीपुर घाट स्टेशन पर पेरिशेबल कार्गो
केंद्र(वातानुकूलित भंडार गृह) का शिलान्यास।

16) लगभग 500 विकलांगों के लिए सहयोगी उपकरण वितरित।

17) सभी जूनियर हाई स्कूलों में शौचालय की स्वीकृति।

18) आर्सेनिक रहित #पेयजल के लिए 100 से ज्यादा डीपवेल ट्यूबवेल प्रस्तावित।

19) #संसदीय_निधि से सभी पांच विधानसभा क्षेत्र गाजीपुर, सैदपुर, जखनियां, जंगीपुर तथा जमानियां में चार करोड़ 80 लाख की 63 परियोजनाएं विचाराधीन।

20) गाजीपुर, सैदपुर, जमानियां में दस सामुदायिक बायो शौचालय स्वीकृत।

21) संसदीय क्षेत्र के सभी गांवों के सार्वजनिक स्थानों पर सोलर लाइट का प्रस्ताव स्वीकृत।

22)ताड़ीघाट-बारा मार्ग को राष्ट्रिय राजमार्ग प्रस्तावित।
ऐसे बहुत उपलब्धि है।

वाकई में सच्चे विकास की परिभाषा बीजेपी सरकार ने दी है,

लव_तिवारी
युवराजपुर ग़ाज़ीपुर

झूठे दहेज के मुकदमों के कारण पुरुष के दर्द से ओतप्रोत एक मार्मिक कृति यकींन माँनिये साहब ,मैंने दहेज़ नहीं माँगा

   मैंने दहेज़ नहीं माँगा 

साहब मैं थाने नहीं आउंगा,

अपने इस घर से कहीं नहीं जाउंगा,

माना पत्नी से थोडा मन मुटाव था,

सोच में अन्तर और विचारों में खिंचाव था,

यकींन माँनिये साहब ,मैंने दहेज़ नहीं माँगा 


मानता हूँ कानून आज पत्नी के पास है,

महिलाओं का समाज में हो रहा विकास है।

चाहत मेरी भी बस ये थी कि माँ बाप का सम्मान हो,

उन्हें भी समझे माता पिता, न कभी उनका अपमान हो।

पर अब क्या फायदा, जब टूट ही गया हर रिश्ते का धागा,

यकींन माँनिये साहब ,मैंने दहेज़ नहीं माँगा 


परिवार के साथ रहना इसे पसंन्द नहीं,

कहती यहाँ कोई रस, कोई आनन्द नही,

मुझे ले चलो इस घर से दूर, किसी किराए के आशियाने में,

कुछ नहीं रखा माँ बाप पर प्यार बरसाने में,

हाँ छोड़ दो, छोड़ दो इस माँ बाप के प्यार को,

नहीं मांने तो याद रखोगे मेरी मार को,

बस बूढ़े माता पिता का ही मोह, न छोड़ पाया मैं अभागा,

यकींन माँनिये साहब ,मैंने दहेज़ नहीं माँगा 


फिर शुरू हुआ वाद विवाद माँ बाप से अलग होने का,

शायद समय आ गया था, चैन और सुकून खोने का,

एक दिन साफ़ मैंने पत्नी को मना कर दिया,

न रहुगा माँ बाप के बिना ये उसके दिमाग में भर दिया।

बस मुझसे लड़ कर मोहतरमा मायके जा पहुंची,

2 दिन बाद ही पत्नी के घर से मुझे धमकी आ पहुंची,

माँ बाप से हो जा अलग, नहीं सबक सीखा देगे,

क्या होता है दहेज़ कानून तुझे इसका असर दिखा देगें।

परिणाम जानते हुए भी हर धमकी को गले में टांगा,

यकींन माँनिये साहब ,मैंने दहेज़ नहीं माँगा 


जो कहा था बीवी ने, आखिरकार वो कर दिखाया,

झगड़ा किसी और बात पर था, पर उसने दहेज़ का नाटक रचाया।

बस पुलिस थाने से एक दिन मुझे फ़ोन आया,

क्यों बे, पत्नी से दहेज़ मांगता है, ये कह के मुझे धमकाया।

माता पिता भाई बहिन जीजा सभी के रिपोर्ट में नाम थे,

घर में सब हैरान, सब परेशान थे,

अब अकेले बैठ कर सोचता हूँ, वो क्यों ज़िन्दगी में आई थी,

मैंने भी तो उसके प्रति हर ज़िम्मेदारी निभाई थी।

आखिरकार तमका मिला हमे दहेज़ लोभी होने का,

कोई फायदा न हुआ मीठे मीठे सपने सजोने का।

बुलाने पर थाने आया हूँ, छूप कर कहीं नहीं भागा,

यकींन माँनिये साहब ,मैंने दहेज़ नहीं माँगा 


झूठे दहेज के मुकदमों के कारण 
पुरुष के दर्द से ओतप्रोत एक मार्मिक कृति

दहेज  की  ये  कविता  कई  घरो  की  हकीकत  है कृपया इस लेख को ज्यादा से ज्यादा  शेयर करे 

कौन हो तुम ओ सुकुमारी बह रही नदियां के जल में कोई तो होगा तेरा अपना मानव निर्मित इस भू-तल मे

एक कवि नदी के किनारे खड़ा था !
तभी वहाँ से एक लड़की का शव
नदी में तैरता हुआ जा रहा था।
तो तभी कवि ने उस शव से पूछा ----

कौन हो तुम ओ सुकुमारी,
बह रही नदियां के जल में ?
कोई तो होगा तेरा अपना,
मानव निर्मित इस भू-तल मे !
किस घर की तुम बेटी हो,
किस क्यारी की कली हो तुम ?
किसने तुमको छला है बोलो,
क्यों दुनिया छोड़ चली हो तुम ?
किसके नाम की मेंहदी बोलो,
हांथो पर रची है तेरे ?
बोलो किसके नाम की बिंदिया,
मांथे पर लगी है तेरे ?
लगती हो तुम राजकुमारी,
या देव लोक से आई हो ?
उपमा रहित ये रूप तुम्हारा,
ये रूप कहाँ से लायी हो?
..........

दूसरा दृश्य----
कवि की बाते सुनकर
लड़की की आत्मा बोलती है...
कवी राज मुझ को क्षमा करो,
गरीब पिता की बेटी हुँ !
इसलिये मृत मीन की भांती,
जल धारा पर लेटी हुँ !
रूप रंग और सुन्दरता ही,
मेरी पहचान बताते है !
कंगन, चूड़ी, बिंदी, मेंहदी,
सुहागन मुझे बनाते है !
पित के सुख को सुख समझा,
पित के दुख में दुखी थी मैं !
जीवन के इस तन्हा पथ पर,
पति के संग चली थी मैं !
पति को मेने दीपक समझा,
उसकी लौ में जली थी मैं !
माता-पिता का साथ छोड
उसके रंग में ढली थी मैं !
पर वो निकला सौदागर,
लगा दिया मेरा भी मोल !
दौलत और दहेज़ की खातिर
पिला दिया जल में विष घोल !
दुनिया रुपी इस उपवन में,
छोटी सी एक कली थी मैं !
जिस को माली समझा,
उसी के द्वारा छली थी मैं !
इश्वर से अब न्याय मांगने,
शव शैय्या पर पड़ी हूँ मैं !
दहेज़ की लोभी इस संसार मैं,
दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ में !
दहेज़ की भेंट चढ़ी हूँ मैं !!
.....................
अनुरोध है इस कविता को शेयर जरुर करे !!