दहेज़ एक बहुत बड़ा अभिशाप है , लेकिन धोखाधड़ी उससे बड़ा अपराध है, अब आप के मन में ये वथित करने वाला प्र्शन कि ये धोखाधड़ी क्या है, जब किसी लड़की के पिता के द्वारा#लड़की को अच्छे लडके के रूप में सही वर की तलाश की जाती है तो उस लडके के पिता या घर के सदस्यों द्वारा लडके की योग्यता, उसके #इनकम, उसके #लाइफ स्टाइल और#आर्थिक स्थिति को बड़ा चढ़ा के पेश करने की प्रक्रिया ही धोखाधड़ी है, जैसा कि आप अच्छी तरह से जानते है कि पिता के जीवन भर की जमा पूजी को वो अपने बेटी पर नौछावर कर देता है लेकिन #वास्तिवकता का ज्ञान होने पर उसकी #मानसिक स्थिति को बहुत आधात पहुचता है, और तब तक बहुत देर हो जाती है, अकसर लडके के बारे में वास्तविक जानकारी शादी होने के बाद ही पता चलती है , फिर कभी कभी इस बात की पुष्टि हो जाती है लडके द्वारा कभी कोई नौकरी की ही नहीं गयी है ये तो शादी और शादी में दहेज़ के लिए किया गया षड्यंत्र है,
तब तक बहुत देर हो जाती है, और लडके और उसके परिवार द्वारा किया गया षड़यँत्र भी पूर्ण होता नजर आता है, फिर लडके द्वारा लड़की के पिता के द्वारा दिए गए पैसो पर मौज की जिंदगी का एक नया खेल जो उसके द्वारा खेला जाता है तब तक पत्नी रूप की दर्जा प्राप्त लड़की को भी सारी बातो को ज्ञान धीरे धीरे करके पता लग जाता है, लेकिन अब उसका घर उसका अपना न हो कर पति का घर होता है ,और वो अपने कर्मो को दोष देकर अपने अन्याय कज साथ देकर अपने दुःख रहित जीवन को जीने का प्रयत्न कराती है, माँ बाप की दुलारी बेटी की ये मनोस्थिति के पीछे एक सामाजिक षड़यँत्र का वो घिनोना चेहरा सामने आता है ,इस #सामाजिक षड़यँत्र को कुछ ही बेटियां झेल पता है और आत्महत्या का रूप लेकर अपने जीवन को समाप्त कर लेती है, #आत्महत्या के पीछे की वजह भी एक विशेष प्रकार की है बेटी को इस बात का संदेह रहता है उसके नाम का प्रयोग करके उसके माँ #बाप को और लुटने की कोशिश की जायेगी , फिर बेटी जीना नहीं मरना को अपना निर्णय बनती है और इस#खूबसूरत #दुनिया को उम्र के इस छोटे #पड़ाव में ही #अलविदा कह देती है,
प्रस्तुति - लव तिवारी
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