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अगस्त 2022 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

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सोमवार, 29 अगस्त 2022

किस तरह से नमन मैं करूँ आपका स्वागतम स्वागतम स्वागतम आपका।

 किस तरह से नमन मैं करूँ आपका,स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम, आपका।आप आए बड़ी उमर है आपकी,बस अभी नाम मै लिया आपका,किस तरह से नमन मैं करूँ आपका,स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम, आपका।आपकी एक नज़र कर गई क्या असर,मेरा दिल था मेरा हो गया आपका,किस तरह से नमन मैं करूँ आपका,स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम, आपका।डर है मुझको ना बदनाम कर दे कहीं,इसतरह प्यार से देखना आपका,किस तरह से नमन मैं करूँ आपका,स्वागतम, स्वागतम, स्वागतम, आप...

गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या धन दौलत तू पा भी लिया गर, चैन नहीं पाया तो क्या

 तर्ज – कसमें वादे प्यार वफा सब..........गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या २धन दौलत तू पा भी लिया गर, चैन नहीं पाया तो क्यागुरु को ना पहचान............. २बाहर से आडंबर कुछ है ,भीतर रूप न निखारा है २गुरु गुरु में सीस गुरु ने, गुरु बनने का झगड़ा है १ऐसे गुरु २ भला बोलो क्या शिष्य को राह दिखाएगागुरु को ना पहचान सके...............2कहलाने को, भक्त बहुत है, लेकिन खोटा धंधा है २माया ऐसे घेर लिया है रहते आंख भी अंधा है १ऐसे भक्तो २ को प्रभु...

मंगलवार, 23 अगस्त 2022

कि आने जिसके हुआ है अलौकिक उजाला रचना- रविंद जैन गायन- सुरेश वाडेकर

अति बिराट ब्रम्हांड में धरती एक लघु कुंजइसे प्रकाशित कर रहा दिव्य ज्योति का पुंजमां भू देवी को मिला अति दुर्लभ सम्माननर बन कर आये यहाँ नारायण भगवान।।ये किसका अभिनन्दन करती झुक झुक कोमल पुष्प लताएँकौन हैं वो जिसके स्वागत में सुमन शुलभ के कोश लुटाये।।किसके दर्शन की तृष्णा में उड़ते पंक्षी रुक रुक जाएकिसके श्री चरणों मे प्राणी में सुध बुध भूले शीश झुकायें।।जिसके रूप अनेक है अंगित जिसके नामशुभ दर्शन कल्याण कर दुःख हारे सुख धामयही है वो मोहन जन जन का मन...

हुस्न पहाड़ों का क्या कहना की बारों महिने यहाँ मौसम जाड़े का- रवींद्र जैन

हुस्न पहाड़ों का क्या कहना की बारों महिने यहाँ मौसम जाड़े काक्या कहना की बारों महिने यहाँ मौसम जाड़े कारुत ये सुहानी हैं मेरी जाँ रुत ये सुहानी हैंके सर्दी से डर कैसा संग गर्म जवानी हैंके सर्दी से डर कैसा संग गर्म जवानी हैं..खिले खिले फूलों से भरी भरी वादीरात ही रात में किसने सजादीलगता हैं जैसे यहाँ अपनी हो शादीलगता हैं जैसे यहाँ अपनी हो शादीक्या गुल बूटे हैं पहाड़ों में यह कहते हैंपरदेसी तो झूठे हैं..तुम परदेसी किधर से आयेआते...

शुक्रवार, 19 अगस्त 2022

जगवा में हमही सयानी ये सखी जगवा में हमही सयानी- श्री मदन राय निर्गुण सम्राट

लाली मेरे लाल की जित देखू ती लाललाली देखन मैं चली मैं भी हो गई लालजगवा में हमही सयानी ये सखी जगवा में हमही सयानीपांच बियाह हम नइहर कइनी दस कइनी ससुरारी-२कुल बियाह मीली पन्द्रह भइले तबो में बानी कुँवारीजगवा में हमही सयानी ये सखी जगवा में हमही सयानी...........ससुरा के मोर पाटी में बंधनी देवरा के गोड़तारी-२पियवा के मो लहंगा में बंधनी भसुरा से कईनी यारीजगवा में हमही सयानी ये सखी जगवा में हमही सयानी...........कहत कबीर सुनो भाई साधु यह पद है निरबानी-२जो...

छोड़ के परईल ये सवरू कैसे भवनवा रही हो राम- निर्गुण सम्राट श्री मदन राय जी

छोड़ के परईल ये सवरू कैसे भवनवा रही हो राम-२जईहा से गईल पैठवल न बतियां रही रही याद आवे तोहरी सुरतिया-२बिरही बनावल ये सवरू कैसे भवनवा रही हो रामकेवना स्वतीया से नेहिया लगवल हमरा के घर मे टिटिहरी बनवलकटरी कटवल ये सवरू कैसे भवनवा रही हो रामकिरण जी अलगे बेकार बाटे अधिका कुबरी के आगे न नीक लग ह राधिका-२लुगरी पैनघवल सवरू कैसे भवनवा रही हो राम छोड़ के परईल ये सवरू कैसे भवनवा रही हो रा...

कहवाँ उड़ उड़ जाली चिरईया कहाँ उनकर गांव रे जब जब करेलें सोन पिजरवा लागे हिया में घांव रे-२

कहवाँ उड़ उड़ जाली चिरईया कहाँ उनकर गांव रेजब जब करेलें सोन पिजरवा लागे हिया में घांव रे-२पता न केवना देश से कब ई बगीया में आ गईलीवोही चदरिया कया के उन मनही मन मुस्कइलीजा से खेलली ओल्हा पाती आ जिनगी के दाव रेजब जब करेलें सोन पिजरवा लागे हिया में घांव रे-२देखी बदरिया ऊपर सूरज चांन बड़ा हरसैलीपरदेशी परदेश में आ के आपन पता भुलइलीपवन बसन्ती के सुख पवली सहली धूप अ छांव रेजब जब करेलें सोन पिजरवा लागे हिया में घांव रे-२ना जाने एक दिन काहे के परमल नी खिसियलीमुहवा...

सोमवार, 8 अगस्त 2022

मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना तुझे मिल गई पुजारन और मुझे मिल गया ठिकाना

मुझे रास आ गया है अब तेरे दर पे सर झुकाना ३तुझे मिल गई पुजारन २ और मुझे मिल गया ठिकानाओं प्रभु जी मुझे रास....................मुझे कौन जानता था तेरी बंदगी से पहले २ २तेरी याद ने बना दी ओ गिरधर तेरे भजन ने बना दी मेरी जिंदगी बनानामुझे रास आ गया.............................मुझे इसका गम नही है २ कि बदल गया ये ज़माना २मेरी जिंदगी के मालिक कही तुम बदल ना जानामुझे रास आ..............तेरी सावली सी सूरत, मेरे मन में बस गई है ओ गिरधरमेरे सावरे कन्हैया २ मुझे...

तोहके चुनरी पैनाइब दूध भात हम खियाईब तानी चल जईह सैया जी के गांव बदरिया हो चल जईह सैया जी के गांव

तोहके चुनरी पैनाइब दूध भात हम खियाईबतानी चल जईह सैया जी के गांवबदरिया हो चल जईह सैया जी के गांव-२देशे देश के जानेलु खबरिया कौना नगर मोरा बसे ले सवारियां-२कइके अकाज आपन घर भर बेलम केअरज गरज मोरे कहिये बदरियातोहके चुनरी पैनाइब ..........तानी चल जईह सैया..........बदरिया हो चल जईह .........उनका के मोर सखी याद परईयहरोशन बलमुआँ के कसहू मनईह-२ हो...........बिरह में तड़पत बानी दिन रातीअरे साफ साफ सजना कह समझईहतोहके चुनरी पैनाइब ..........तानी चल जईह सैया..........बदरिया...

रविवार, 7 अगस्त 2022

गुरु को न पहचान सका तो जग जाना तो जाना क्या धन दौलत तू पा भी लिया गर चैन नहीं पाया तो क्या

तर्ज – कसमें वादे प्यार वफा सब..........गुरु को न पहचान सका तो, जग जाना तो जाना क्या २धन दौलत तू पा भी लिया गर, चैन नहीं पाया तो क्यागुरु को ना पहचान............. २बाहर से आडंबर कुछ है ,भीतर रूप न निखारा है २गुरु गुरु में सीस गुरु ने, गुरु बनने का झगड़ा है १ऐसे गुरु २ भला बोलो क्या शिष्य को राह दिखाएगागुरु को ना पहचान सके...............कहलाने को, भक्त बहुत है, लेकिन खोटा धंधा है २माया ऐसे घेर लिया है रहते आंख भी अंधा है १ऐसे भक्तो २ को प्रभु का दर्शन,...

ना आईल परदेशी ना आईल जाने कहाँ लुकाईल ना आईल परदेशी ना आईल- गोपाल राय निर्गुण

ना आईल परदेशी ना आईल-४जाने कहाँ लुकाईलना आईल परदेशी ना आईल-२केतने अमावस पूरन मासी-३बीतल सम्मत साल उदासी-२पथरा पर फूल फुलाइलना आईल परदेशी ना आईल-२लौवट लौवट के फागुन आईल-३सावन मौसम में अंघुवाईल-२पपीहा के बोल सुनाइलना आईल परदेशी ना आईल-२पहिर के लाल चुनर नौ लखिया-३गईली पिया घर संग की सखिया-२कजरा मोर धोवाईलना आईल परदेशी ना आईल-२सजना के विश्वास का कईली-३नइहर ना सासु के भईली-२बरसत नयन झुराइलना आईल परदेशी ना आईल-२जाने कहाँ लुकाईलना आईल परदेशी ना आई...

खोल के ख़िरीकिया बैठे उचकी अटरिया सावर गोरिया मारे तिरछी नजरिया-

खोल के ख़िरीकिया बैठे उचकी अटरियासावर गोरिया मारे तिरछी नजरिया-२लउके ला बीन ओर छोर के उकेर नीलकी चुनरीनव नव मन काजल दूनों नयन में डाले सुनरी-२लाल रे टुकुलिया देखी भागे रे अनरियासावर गोरिया मारे तिरछी नजरिया-२ससिया लेत घुमावे मुहवा आवे रतीया कारीकेसवा लहरा देले सगरे हो जाले पनियरी-२देहिया तोरे त चले अरे फागुन बयरियासावर गोरिया मारे तिरछी नजरिया-२हाथवा मार के बोलावेले जब तब चमका के मुनरीअखियां बचा के सबकर छट दे लटकावे ले रसरीजाल जे उ लौउठे ना फेरु ये...

अइसन पलंगिया बनइह बलमुआँ कि हीले कौनो अलंगिया हो राम-गोपाल राय निर्गुण

आया है सो जायेगा राजा रंक फ़क़ीरकोई सिंहासन चढ़ चले कोई बधे जंजीरअइसन पलंगिया बनइह बलमुआँ कि हीले कौनो अलंगिया हो राम-४हरियर बसवा के पटिया बनईहसुंदर बिछईह दसगिया ता पर हम दुलार बन सोईबउपरा से तानिह चननिया हो रामअइसन पलंगिया बनइह बलमुआँ कि हीले कौनो अलंगिया हो राम-२पहले त रेशम के चोली पहिरहीहआ नकिया में सोने के नथुनियाकैसे में भार सहे मोरे देहियामत दीह मोटकी कफनिया हो रामअइसन पलंगिया बनइह बलमुआँ कि हीले कौनो अलंगिया हो राम-२लाल गाल लाल होंठ राख होई जईहेजर...

मंगलवार, 2 अगस्त 2022

गुरुवर चरणों में दे दे ठिकाना मुझे मैं भटकता हूँ राह दिखाना मुझे- फणीभूषण जी चौधरी

गुरुवर चरणों में दे दे ठिकाना मुझे,मैं भटकता हूँ राह दिखाना मुझे,राह दिखाना मुझे.....गुरुवर चरणो में दे दे ठिकाना मुझे।।मैं तो पूजा से जप तप से अंजान हूँ,मतलबी लोग से मैं परेशान हूँ,कितना भरमाया है ये जमाना मुझे,ये जमाना मुझे,गुरुवर चरणो में, दे दे ठिकाना मुझे।।तन कही और है मन कही और है,सुख की चाहत की भारी यहाँ दौड़ है,इस समंदर में अब ना बहाना मुझे,ना बहाना मुझे.....गुरुवर चरणो में दे दे ठिकाना मुझे।।ये है काजल का घर बचके कैसे रहूं,अपनी आवाज़ दिल...