
यचहत्तर वर्ष स्वतंत्रता के :हुई स्वतंत्रता आज हमारी पूर्ण पचहत्तर वर्ष कीचलो सुनाएं कथा विश्व को भारत के उत्कर्ष कीअब अतीत छोड़ पकड़ें नूतन विकास की डोरचल पड़े राष्ट्र-जन में श्रृंखला गहन विमर्श कीमिलजुल चलो नाचे गाएं उत्सव सा इसे मनाएंजगे याद स्वतंत्रता सेनानियों के अतुल संघर्ष कीजगह धरा पर कहां जहां गिरा वीरों का रक्त नहींबने मुर्ति यह मही उनके सकल जीवन आदर्श कीचलो मित्र ना सोचो कुछ भूलो झगड़े आपस केहम कराएं दर्शन दुनिया को आहुति के निष्कर्ष कीडॉ...