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जून 2021 ~ Lav Tiwari ( लव तिवारी )

Lav Tiwari On Mahuaa Chanel

we are performing in bhail bihan program in mahuaa chanel

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शुक्रवार, 25 जून 2021

अनपढों के साथ जिनकी कट गई हो जिंदगी। वो पढ़ो को क्या समझेंगे बात में महान कौन।- लव तिवारी

मन व्यथीत है आज क्यों कल सुनेगा मेरी कौन।किसकी खता थी यहाँ, और भरेगा जुर्माना कौन।।अपनों की पहचान में न काम आई डिग्रियां।मेरे घर को बर्बाद कर रहा, मैं रहा परेशान मौन।।गैरो पर खर्च करके घर से हिसाब की चाह है।हकीकत सबके सामने है और बना अंजान कौन।।सबको पता है अपनी गलती फिर है नदान सब।गर्दन पर तलवार है तो अब रहा वफादार कौन।।जो किया वो सामने है फिर नही सबक जीने की।जिंदगी किसकी रही, और गया शमशान कौन।।अनपढों के साथ जिनकी कट गई हो जिंदगी।वो पढ़ो को क्या समझेंगे...

मंगलवार, 15 जून 2021

आदत फिर से न बिगड़े अब मेरी। वादों का कोई पक्का नही लगता- लव तिवारी

हर कोई अच्छा नही लगता।दिल अब बच्चा नही लगता।।जो थे उनको हम रास नही आये।अब कोई मुझे सच्चा नही लगता।।आदत फिर से न बिगड़े अब मेरी।वादों का कोई पक्का नही लगता।।मेरी मानो तुम भी सुधर जाओ अब।इस उम्र में ये सब अच्छा नही लगता।।बात उसको अगर जो मालूम हो जाये।मेरी जिंदगी का वो हिस्सा नही लगता।।रचना- लव तिव...

बुधवार, 9 जून 2021

ये वायरस मेंरा क़ीमती खजाना ले गया। मौत के साथ अपनो का ठिकाना ले गया।- लव तिवारी

ये वायरस मेंरा क़ीमती खजाना ले गया।मौत के साथ अपनो का ठिकाना ले गया।।गली रास्ते और सड़के अब भी है सुनसान।वो भीड़ भरी जिंदगी का ज़माना ले गया।।गरीब को अन्न नही, भूख की तड़प को देखों।उसके बसर के संसाधनों का सहारा ले गया।।जन्दगी सबको थी प्यारी कुछ थे बस बेपरवाह।ऐसे मूर्खो के कारण सब कुछ गवाना पड़ गया।।कुछ के गुनाह तो नही थे माफ़ी के लायक।कुछ बेगुनाहो को भी इस दौर में जनाजा ले गया।।रचना- लव तिवारी दिनांक- ०९-जून-२...

बुधवार, 2 जून 2021

शरीर और जीवन से साइकिल की वफादारी थी। आज कल की दुनिया से प्यारी वो जिंदगानी थी।- लव तिवारी

रोज सुबह सायकिल से स्कूल जाया करते थे।और पैडिल के सहारे रेस लगाया करते थे।।सफर अपना देर लेकिन दुर्घटनाओं से परे था।जेब खर्च के साथ सायकिल का खर्च भी खरे था।।शरीर और जीवन से साइकिल की वफादारी थी।आज कल की दुनिया से प्यारी वो जिंदगानी थी।।मौज मस्ती में के साथ हम खूब सायकिल चलाया करते थे।कभी दोस्तों के तो कभी पापा के संग गांव जाया करते थेबड़ी गाड़ियों में बैठ कर उस दौर का अनुभव करते है।देख जमाने की रफ़्तार अब स्वपन में साइकिल से चलते है।रचना- लव तिवारी युवराजपुर...