बुधवार, 16 अक्तूबर 2024

शब्दविलीन हो जाएं चलिए डॉ एम डी सिंह ग़ाज़ीपुर उत्तरप्रदेश

शब्दविलीन हो जाएं चलिए

प्रेम-मोहब्बत की बातों में
नटखट सी दिखती रातों में
चलिए कुछ हलचल करते हैं
सुप्त हुए रिश्ते- नातों में

जूलियट किसलिए रूठी है
लैला भी क्यों कर झूठी है
रांझा भी नाराज चल रही
मैना की नजर अनूठी है

फिर से हुआ रोमियो जाए
मजनू फिर घर वापस आए
उड़े नींद हीरे की फिर से
तोता ,मैना पर भरमाए

वैलेंटाइन को दिल देकर
वैलेंटाइन का दिल लेकर
शब्दविलीन हो जाएं चलिए
मनसरोवर में भीग भेकर

डॉ एम डी सिंह



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें