बस तुमसे ही मोहब्बत की है
पूरी दुनिया से ही बग़ावत की है
मेरी यादों के बस तुम्हीं हो वारिस
दिल ने क्या ख़ूब वसीयत की है।
जिंदगी में कभी तो तुम मेरी होगी
इसी बसर में मैंने जिंदगी जी है।
रात भर तुम्हारी याद में तड़पता हूँ
कुछ नहीं सिर्फ़ तमसे मोहब्बत की है।
मेरी दुनिया मेरे ईश्वर मेरे मन्दिर हो तुम
इसीलिए बस तुम्हारी इबादत की है।
मेरा इष्ट मुझसे नाराज न हो जाये
क्यो बस तुम्हारी ही मैंने बंदगी की है।
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