मंगलवार, 13 अगस्त 2024

उसको जो चाहे वो हर ख़ुशी दे दे। रचना लव तिवारी ग़ाज़ीपुर

किसी को न चाहे सब कुछ देते हो मालिक।
मेरे महबूब को क्यों नही खुशी देते।।

मेरी दुनिया मेरा खज़ाना है वो
उसके चेहरे को क्यों नही हँसी देतें।

तेरी रहमतों में उसका भी नाम शामिल हो।
उसकी हसरतों को क्यों नही गति देते।

उसका सामना अगर मौत से हो कभी।
मेरी हिस्से की उसको जिंदगी दे दे।।

मेरी ख्वाईश मेरी आरजू मेरी बंदगी है वो
उसको जो चाहे वो हर ख़ुशी दे दे।।





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