शनिवार, 4 नवंबर 2023

हमहु नदान रहली तूहऊ नदान (कजरी गीत )- गीतकार : योगेश विक्रांत

 हमहु नदान रहली तूहऊ  नदान  (कजरी गीत )


हमहु नदान  रहली तूहऊ  नदान
गोरिया मिलते नज़रिया तूफान हो गईल -  2

**   ओही रे असॅढ्वा मे घेरले  बदरवा
        घूमडी  घूमडी  के बरसे पजरवा
        घसिया झुरान रहली मॅटीया झुरान
        गोरिया छ्न भर मे गम गम सिवान हो गईल - 2
        गोरिया मिलते नज़रिया तूफान हो गईल........................

**  ओही रे  बॅरिखवा  मे  तूहउ  ढ़ेकउलू
       बरिया  गझिनकी मे जाई  ठाढ़ भईलू
       झूठही गुमान रहली गुम हो गुमान
       गोरिया चंदन बदनिया के नाम  हो गईल-2
       गोरिया मिलते नज़रिया तूफान हो गईल.......................

**   ओही रे  बागियवा  मे नेहिया उगवले
        हथवा  मे हाथ  धरि  गरवा  लगवले 
        पूरवा सुहान आईली दिनवा सुहान
        गोरी अगना मे कजरी जवान हो गईल -2
         गोरिया मिलते नज़रिया तूफान हो गईल.......................

        हमहु नादन  रहली तूहऊ  नादन

 गीतकार : योगेश विक्रांत




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