सोमवार, 27 नवंबर 2023

इश्क़ ये तो कोई भी आफ़त नहीं है दिल लगाने की पर इजाज़त नहीं है- ऋषिता सिंह

इश्क़ ये तो कोई भी आफ़त नहीं है
दिल लगाने की पर इजाज़त नहीं है

इस जहाँ में ये दिल न आबाद होगा
इस जहाँ की मुझको ज़रूरत नहीं है

तेरे बिन हम भी कर ही लेंगे गुज़ारा
पर तेरे बिन जीने की आदत नहीं है

अब मुक़द्दर में ही नहीं साथ तेरा
कुछ दुआओं में मेरी ताकत नहीं है

दिल कुशादा है अब भी उनकी ही ख़ातिर
दिल पे गुज़री कोई क़यामत नहीं है

दिल लगा ले अब और वो भी किसी से
अब लगाने की मुझको हिम्मत नहीं है

देख कर तुम भी ज़ख़्म मेरे हो हँसते
तुमसे हमदर्दी की भी हसरत नहीं है

तुम फ़साने इतने बनाते ही रहते
ये मुहब्बत है जाँ सियासत नहीं है

अब जो आओगे तुम भी मिलने तो हम से
हम मिलेंगे तुमसे वो हालत नहीं है

ऋषिता सिंह




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