बुधवार, 4 अक्टूबर 2023

निराशा कहीं छुप कर मुंह छुपाता होगा हे विप्र कुमार,तेरा दरश में ऐसी शक्ति है- राजेश कुमार सिंह श्रेयस

जी हां नमस्ते..
आप जो यह वीडियो देख रहे हैं इसमें ये दो युवा जो पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी की कविता का सस्वर पाठ कर रहे हैं,ये है जनपद गाजीपुर के लव तिवारी और कुश तिवारी हैं l

मस्कुलर डिस्ट्रॉफी जैसे गंभीर रोग से पीड़ित इन दोनों युवा सहोदर भाइयों के हौसले की बात करें, तो इनके हौसले चट्टान से भी मजबूत है l
इनका आत्मबल की आवाज इनके संगीत में सुना सकता है, और इनका आत्मबल इनके ज्ञान में झलकता है, इनकी बौद्धिकता में झलकता है l अपने मृदुल व्यवहार और सामजिक परोपकार भाव से अपनी पहचान बनाने वाले ये दोनों भाई,किसी पहचान के मोहताज नहीं है l शारीरिक विकलांगता ने कभी इन्हें विकल नहीं किया, बल्कि ये दोनों भाई आगे चलते रहे और इनका आत्मबल के पीछे दौड़ते हुए यह बोलता रहा है कि हम तुम्हारा साथ कभी नहीं छोड़ने वाले l ईश्वर के प्रति गहरी आस्था रखने वाले,इन होनहारो के अंदर सम्मान देने और सम्मान पाने जैसे दोनों ही उच्च मानवीय गुण विद्यमान है l

इनकी संगीतमय युगल प्रस्तुति,न सिर्फ इन्हें शक्ति प्रदान करती है, बल्कि इनकी बातें उन लोगों में भी ओज और आशा के किरण को संचरित कर रही होती , जो मस्कुलर ट्रॉफी जैसी गंभीर बीमारी से निराशाग्रस्त हो, मानसिक पीड़ा से ग्रसित हो रहे होंगे  l लव और कुश दोनों भाइयों की मैं बात करूं तो इनकी ओज भरी बातें, उन लोगों को भी संबल प्रदान करने की ताकत रखती है, जिनके अंग प्रत्यंग स्वस्थ है फिर भी वह निराशा और अवसाद में इस प्रकार डूबे हुए होते हैं, मानों वे वास्तविक विकलांग हो  l मानव शरीर इतना क्षणभंगुर है, इतना कमजोर है, जिसकी व्याख्या नहीं की जा सकती है  l इसे तो बस इसी प्रकार समझा जा सकता है कि किसी भी व्यक्ति को यह पता नहीं कि उसकी अगली सांस उसकी है या नहीं l फिर नैराश्य का भाव किस बात का l अटल जी की कविता आओ फिर से दीया जलाएं, लव कुश के मुंह से निकले हुए इस गीत के स्वर, निराशा से भरे हुए जीवन में,  न सिर्फ आशा का संचार करते हैं, बल्कि जीवन के सर्वोच्च लक्ष्य को प्राप्त करने की शक्ति और सामर्थ प्रदान करते है l महाराज गांधि की नगरी गाजीपुर के युवराजपुर मैं जन्मे इन युगल ज्योति का दिव्य प्रकाश, आज साहित्य, संगीत,  कला और ज्ञान जगत में अपनी प्रभा विखेर रहा है l
तो इनके लिये मेरी दो पंक्तियाँ कि....
  तुम्हें देखकर हौसले  का भी हौसला बढ़ जाता होगा l

 निराशा कहीं छुप कर,मुंह छुपाता होगा ll
 हे विप्र कुमार,तेरा दरश में ऐसी शक्ति है,
 कि संगीत भी छुपकर,तुम्हारा ही गीत गाता होगा ll
          राजेश कुमार सिंह श्रेयस
     लखनऊ / बलिया


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें