बुधवार, 4 अक्टूबर 2023

बीता बहारों का मौसम तो क्या पतझड़ में हम गाएंगे- बीना राय गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

बीता बहारों का
मौसम तो क्या
पतझड़ में हम गाएंगे
अंधियारों में किस्मत के
अनुभव के दीप जलाएंगे
अब क्या चहकना
अब क्या बहकना
जज़्बातों में अब
क्या लुढ़कना
सांसों की सूरज
ढलने से पहले
दुनिया में में छा जाएंगे।
अंधियारों में किस्मत के
अनुभव के दीप जलाएंगे।

स्वरचित कविता से

बीना राय
गाज़ीपुर, उत्तर प्रदेश


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें