दो हज़ार हुआ है घायल
दो हज़ार तो हुआ है घायल,
तीस सितंबर तक उपचार ,
बड़ों का बड़प्पन इसने छीना,
कर चोरों को किया लचार,
दो हज़ार तो पड़ा है घायल ,
तीस सितंबर तक उपचार ।।
रखने में तो सरल था इतना,
खतना ही बस किया गरीब ,
छिप छिपाकर पड़ा था बक्सा ,
काला धन को किया करीब,
अजीब अजीब रंगत था इसका,
रंग गुलाबी करता प्यार ,
दो हज़ार का नोट है घायल,
तीस सितंबर तक उपचार।।
फेक करंसी पाक भेजता,
पाक सरकार का था श्रृंगार
दरिद्र अवस्था बनी व्यवस्था,
पाक पड़ा था बहुत उदार,
कौन संभाले उसको अब,
घायल हो गईं पाक सरकार ,
दो हज़ार के नोट है घायल ,
तीस सितंबर तक उपचार ।।
कहीं रजनी की रात अंधेरी,
अब सजनी बन जाए चोर,
बक्सा के भीतर बना था नक्शा,
ना नुकुर है अब बलजोर ,
अब तो चोरी चली कुरेदने,
छिप छिपाने का अधिभार,
दो हज़ार के नोट है घायल,
तीस सितंबर तक उपचार ।।
आधिकारी अधिकार दुखी है,
सुख सुविधा का है संक्षेप ,
समझ पर उनके खड़ा है संकट,
समझ न आता अब विक्षेप,
विक्षेपण को चले सवारने ,
बड़ा दुखित है अब अधिकार ,
दो हज़ार का नोट है घायल ,
तीस सितंबर तक उपचार ।।
कन्हैया लाल
शिक्षक
जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जंगीपुर
गाज़ीपुर
आनंद में इसको पढ़ें और मौज में,
गंभीरता से लेने की आवश्यकता नहीं है
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