एक गिलास मट्ठा
समाज के लोगों सुन लो मुझको
सत्य कहूं कर लो स्वीकार ,
अगर नहीं सच्चाई इसमें,
कर देना तुम इंकार,
मेरी बातें सुन समाज,
सत्य कहूं कर लो स्वीकार,।।
सभी अमीर ना समूह हैं तेरे,
कुछ के पास है ज्यादा धन,
उन्हें बीमारी घेर के बैठी,
सुख रहा उनका उपवन,
दान दया करो योग्य पर,
जो पढ़ने को हरपल तैयार,
मेरी बातें सुन व्यापारी ,
सत्य कहूं कर लो स्वीकार ।।
अपने सुख को सुख ना मानो ,
यह बुलबुल का जख्मी पानी ,
बिना हवा के जब फटता है,
खो देता है तुरत ज़वानी,
इससे अच्छा धन सदुपयोग हो,
एक गरीब का हो उद्धार
देते वक्त तो मोह है लगता ,
भगवन करते इससे प्यार
मेरी बातें सुन व्यापारी ,
सत्य कहूं कर लो स्वीकार।।
अपनी आय जरूर ही देखो ,
देख लेना नेक कमाई,
उससे ज्यादा खर्च ना करना
खर्च है बनता कठोर कसाई
आय से अधिक खर्च करेंगे
कंगाली का खोले द्वार ,
मेरी बातें सुनो समाज ,
सत्य कहूं कर लो स्वीकार।।
सभी तरफ़ बस नजर घुमाओ ,
गरीब बच्चे हैं पढ़ ना पाते,
उनके अंदर पड़ी है क्षमता,
शुल्क बिना है ना दिखलाते,
शुल्क बिना वे सुख जाएं,
तेरे धन को है धिक्कार,
समाज वालों सुन लो मुझको,
सत्य कहूं कर लो स्वीकार।l
ज्यादा नहीं तो एक पढ़ाओ,
एक का कर दो अब उद्धार।।
समाज के लोगों सुन लो मुझको,
सत्य कहूं कर लो स्वीकार।।
कन्हैया लाल
शिक्षक
जनता उच्चतर माध्यमिक विद्यालय जंगीपुर गाज़ीपुर मोबाइल संख्या 84 23397106
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