सोमवार, 23 अक्टूबर 2023

दशहरा पंडित श्री कामेश्वर द्विवेदी गाज़ीपुर उत्तर प्रदेश

... .दशहरा

दशवदन को निरंतर जलाते रहे,
मात्र रंजन ही मन का मनाते रहे।
राम बनने की तो मात्र है कल्पना,
रावणी वृत्ति भीतर सजाते रहे।

जानकी का हरण कर लिया था मगर ,
साथ उनके किया न बुरा आचरण।
आज हैं हर घरों में जो रावण छिपे,
तब के रावण से इनमें हुआ है क्षरण।

मन का रावण जले तो बने बात कुछ,
मात्र पुतला जलाने से क्या फायदा।
राम के पदचिन्हों पै चलना नहीं,
तो दशहरा मनाने से क्या फायदा।


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