गंगा किनारे मोरा गांव हो, घरे पहुँचा देवी मईया
घरे पहुँचा द मोहे माई से मिला द।-२
अंगना में अमवा के छाव हो घरे पहुँचा देवी मईया-२
मोरा गाँवे बंशी मामा गढ़ले मूर्तियां, गंगू चाचा ऊँघ के अगोरे अमरूदिया-२
आम के बगीचा में लागे स्कूलिया, पोखरा के जरीई बा शिव जी के मन्दिरिया
जानी ले एक-एक ठावँ हो, घरे पहुंचा द देवी मईया
गंगा किनारे मोरा गांव हो, घरे..............
कौना रे बटोहियाँ से पतवा मो पूछनी, कभी हाथ जोड़नी त कभी गोड़ घोईनी-२
तवना पे एक बूंद दया नाही पवनी, असुवां के अपनी ही असुवां से पोछनी
डोले भवरा वा में नाय हो,घरे पहुँचा देवी मईया
गंगा किनारे मोरा गांव हो, घरे.................
हम त अबोध हई लाइका ठहरनी, केतना अकिलिये बा रहिया भुलईनी-२
करी के जतनवां हम घर ना पहुचनी, मईया तोहार अब आसरा लगवनी,
गोंदिया उठा ल थकल पाँव हो, घरे पहुँचा द देवी मईया
गंगा किनारे मोरा गांव हो, घरे...............
गंगा किनारे मोरा गांव हो, घरे पहुँचा देवी मईया
घरे पहुँचा द मोहे माई से मिला द।-२
अंगना में अमवा के छाव हो घरे पहुँचा देवी मईया-२
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