शुक्रवार, 4 अगस्त 2023

है शत शत नमन तिरंगा ऊँचा नभ में लहराये कश्मीर कन्या कुमारी तक वंदे मातरम गाएं - रचना श्री रंग बहादुर सिंह

प्रारूप
नाम : श्री रंग बहादुर सिंह
जन्मतिथि :०७-जुलाई-१९५०
माता का नाम : श्री मती मोतीझारी देवी
पिता का नाम : स्वर्गीय तिलगु सिंह
जन्म स्थान : ग्राम पोस्ट अमौरा थाना दिलदालनगर तहसील सेवराई जिला ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश
शैक्षिक योग्यता : इंटरमीडिएट
संप्रति (पेशा) : वैद्यराज ( औषधीय खेती किसान)
विधाएं : कविता, भोजपुरी गीत
साहित्यिक गतिविधियां :
प्रकाशित कृतियां : कोई नही
पुरस्कार सम्मान : औषधि एवं स्वास्थ्य में विशेष योगदान के लिए राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम जी द्वारा 2004 में सम्मानित
संपर्क सूत्र : 9795664257
विशेष परिचय : विशेष परिचय में मुख्य रूप से औषधियों जड़ीबूटियों की बड़े पैमाने पर सन 2001 अपने पैतृक निवास स्थान अमौरा में खेती करना तथा उनसे औषधि तैयार कहकर लोगों के स्वास्थ्य सम्बन्धी उपचार में मदद करना, साथ साथ साहित्य के प्रति झुकाव और कुछ ही रचनाओं का संग्रह

रचना

यह पावन पर्व निराला, कर देता मन मतवाला।
उत्साह त्याग रण कौशल, को सदा बढ़ाने वाला

लहरा कर भारत मां का है, शान तिरंगा न्यारा।
केसरिया हरा धवल रंग है,चक्र हरि को प्यारा।।

है शत शत नमन तिरँगा, ऊँचा नभ में लहराये।
कश्मीर कन्या कुमारी तक, वंदे मातरम गाएं।।

यह महावीर यह परमवीर तक जितने स्वर्ण रतन हैं।
उनकी पावन चरणों में,हम सब का कोटि नमन है।।

आजाद बोस बिस्मिल ये मंगल पांडे बलिदानी
हा खूब लड़ी मर्दानी वह तो झांसी वाली रानी

इस वीर धारा की बेटे गांधी शास्त्री बलिदानी
सरदार पटेल भगत सिंह अब्दुल हमीद सा सानी

जिसके पौरुष के आगे, सब काँपे पाकिस्तानी।
वह भारत माँ का बेटा, उसकी अमर कहानी।।

राणा और वीर शिवा की, हम गीत बराबर गाये।
झाला माना सा बनकर, अपना सर्वस लुटाएं।।

नोट- झाला और माना वीर महाराणा प्रताप के सेनापति थे जिन्होंने एक लड़ाई में महाराणा प्रताप जी की जान की रक्षा की थी।।



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