शनिवार, 3 सितंबर 2022

शम्मा जलाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ- भूपेंदर सिंह और मिताली सिंह ग़ज़ल

शम्मा जलाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ
खुद को बचाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ

ज़िंदा दिलो से दुनिया, ज़िंदा सदा रही हैं
महफ़िल सजाये रखना, जब तक की मैं न आऊ

शम्मा जलाये रखना......................

खुद को बचाये................

ये वक़्त इन्तिहाँ है सब्र ओ करार दिल का
आंसू छुपाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ

शम्मा जलाये रखना......................

खुद को बचाये................

हम तुम मिलेंगे ऐसे जैसे जुड़ा नहीं थे
सांसे बचाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ

शम्मा जलाये रखना......................

खुद को बचाये................


 भूपेंदर सिंह और मिताली सिंह ग़ज़ल





कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें