शम्मा जलाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ
खुद को बचाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ
ज़िंदा दिलो से दुनिया, ज़िंदा सदा रही हैं
महफ़िल सजाये रखना, जब तक की मैं न आऊ
शम्मा जलाये रखना......................
खुद को बचाये................
ये वक़्त इन्तिहाँ है सब्र ओ करार दिल का
आंसू छुपाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ
शम्मा जलाये रखना......................
खुद को बचाये................
हम तुम मिलेंगे ऐसे जैसे जुड़ा नहीं थे
सांसे बचाये रखना हये जब तक की मैं न आऊ
शम्मा जलाये रखना......................
खुद को बचाये................
भूपेंदर सिंह और मिताली सिंह ग़ज़ल
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