रविवार, 23 मई 2021

प्रभु ने जो धन दिया है उसपर न अभिमान करो हो सके तो कुछ रुपयों का गरीबों में दान करो। - लव तिवारी

प्रभु ने जो धन दिया है उस पर न अभिमान करो।
हो सके तो कुछ रुपयों का गरीबों में दान करो।।

झूठे है रिश्ते नाते, बस झूठे है सब लोग यहाँ।
इनके चक्कर में न तुम जीवन को बर्बाद करो।।

मौत एक है निश्चित घटना, ऐसे हो या महामारी से
पुत्र मोह में पाप कमाई को न अपने नाम करो।।

क्या लेकर आये थे जग में क्या लेकर तुम जाओगे।
ऐसे बात को ध्यान में रखकर प्रभु भजन का काम करो।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक - २३ मई २०२१







शनिवार, 22 मई 2021

नौकरी के नाम पर तुमने युवाओं को छला यहाँ। गौतम अडानी अमीर होकर एशिया के दहाई में- लव तिवारी

सब अच्छे चले गये इस कोरोना की महामारी में।
एक तू ही रोता दिख रहा राजनीति के परछाई से।

मानव जन भी मूर्ख होकर बना गया शमशान यहाँ।
देते तुमको वोट भी इस विपत्ति और तन्हाई में।।

नौकरी के नाम पर तुमने युवाओं को छला यहाँ।
गौतम अडानी अमीर हो गये एशिया के दहाई में।

हल चलाकर पेट काटकर भेजता पैसा जो बच्चों को।
उसके आस को तोड़ा तुमने मर गया जो रुसवाई में।।

ऐसा नही की तुम्ही गन्दे और सब दूध के धुले यहाँ।
बड़े उम्मीद से वोट दिया था इस शारिरिक परेशानी में।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 22 मई 2021





सोमवार, 17 मई 2021

इंसान को अब भी फिक्र नही है अपनो सासों की। जो हवा के माध्यम से सिलेंडरों में बिक रहा है।- लव तिवारी

सबकी नादानी के दर्दनाक अंजाम की बदौलत।
लाशों के ढेर पर ये शमशान दिख रहा है।।

इंसान को अब भी फिक्र नही है अपनो सासों की।
जो हवा के माध्यम से सिलेंडरों में बिक रहा है।।

जिंदगी सबको है प्यारी मौत से किसी का वास्ता नही।
फिर भी देखिये अवाम अपनी हस्ती से मिट रहा है।।

नशे में मौत के दर्दनाक हालात उन्हें क्या मालूम।
जिनका वजूद जो बस यहाँ शराबों में बिक रहा है।।

छोटे बच्चों के सिर से उठा गया माँ बाप का साया।
इनके जीवन का दीया देखिये कैसे बुझ रहा हैं।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- १७ मई २०२१


शुक्रवार, 7 मई 2021

मोदी योगी क्या करेंगे हम भी भरष्टाचारी है। आपदा एवं विप्पति में भी करते कालाबाजारी है।।- लव तिवारी

मोदी योगी क्या करेंगे
हम भी भरष्टाचारी है।
आपदा एवं विप्पति में भी
करते कालाबाजारी है।।

पैसे के इस भुख को देखो।
इंसानियत और इंसान कहा
गरीबों के अन्न निगलकर
देखों करते कोटादारी है।

राजनीतिक बस नही है गंदी
गन्दे है आवाम यहाँ
इस महामारी में भी
हम सब अत्याचारी है।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 07- मई-2021

सोमवार, 3 मई 2021

मरीज के साथ, बैद्य भी हम है फिर भी कहा हम सुधर रहे है।- लव तिवारी

धर्म के आंधी में बह रहे है।
कुछ पैसे के लिए मर रहे है।।

नेताओं को कभी न दिक्कत।
जनता आपस मे लड़ रहे है।

कोरोना के आतंक को देखकर।
लोग कुंभ और रोजा कर रहे है।

सबको पता है अपनी सुरक्षा।
लोग घरों में कहा रह रहे है।।

मरीज के साथ, बैद्य भी हम है
फिर भी कहा हम सुधर रहे है।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 04- मई- 2021