सबकी नादानी के दर्दनाक अंजाम की बदौलत।
लाशों के ढेर पर ये शमशान दिख रहा है।।
इंसान को अब भी फिक्र नही है अपनो सासों की।
जो हवा के माध्यम से सिलेंडरों में बिक रहा है।।
जिंदगी सबको है प्यारी मौत से किसी का वास्ता नही।
फिर भी देखिये अवाम अपनी हस्ती से मिट रहा है।।
नशे में मौत के दर्दनाक हालात उन्हें क्या मालूम।
जिनका वजूद जो बस यहाँ शराबों में बिक रहा है।।
छोटे बच्चों के सिर से उठा गया माँ बाप का साया।
इनके जीवन का दीया देखिये कैसे बुझ रहा हैं।।
रचना- लव तिवारी
दिनांक- १७ मई २०२१
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