सोमवार, 3 मई 2021

मरीज के साथ, बैद्य भी हम है फिर भी कहा हम सुधर रहे है।- लव तिवारी

धर्म के आंधी में बह रहे है।
कुछ पैसे के लिए मर रहे है।।

नेताओं को कभी न दिक्कत।
जनता आपस मे लड़ रहे है।

कोरोना के आतंक को देखकर।
लोग कुंभ और रोजा कर रहे है।

सबको पता है अपनी सुरक्षा।
लोग घरों में कहा रह रहे है।।

मरीज के साथ, बैद्य भी हम है
फिर भी कहा हम सुधर रहे है।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 04- मई- 2021






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