"लहू देकर तिरंगे की बुलंदी को संवारा है,
फरिश्ते तुम वतन के हो, तुम्हे सजदा हमारा है"
" लाश लेने आप मत आना कुलबीर को भेज देना,
कहीं आप रो पड़ी तो लोग कहेंगे कि भगत सिंह की माँ रो रही है"
जनमानस के ह्रदय में इंकलाब की गूंज को पहुचाने वाले देश के अमर वीर सपूतों भगत सिंह, राजगुरु और सुखदेव को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धांजलि 🙏
लोग कहते है कि आजादी बापू ने दिलाई है। अगर ऐसी बात होती तो आज़ादी बहुत पहले मिल गई होती। और अगर आजादी पहले मिल गई होती तो भगत सिंह सुखदेव राजगुरु और तुम मुझे खून दो मैं तुम्हे आजादी दूंगा जैसे विचारो पर चल कर भारत माँ को आजादी दिलाने वाले महान क्रांतिकारी सुभाष चन्द्र बोस जैसे लोगो को बलिदान नही देना पड़ता।।
इतने परिश्रम के बाद लोगो में खुलकर दोष भरे पड़े है। आजाद भारत के बाद भी हम कई तरह की बुराइयों से लिप्त है।
भ्र्ष्टाचार
चोरी और बलात्कार
साम्प्रदायिकता
जातीयता
राजनैतिक दलों की समस्या
संस्कृतित बिभिन्नता
प्रांतीय बिभिन्नता
आजादी की लड़ाई हम सब ने एक होकर लड़ी थी और जैसे आजादी मिली हम सब अनेको बुराइयो से ग्रस्त होकर अपने देश अपने समाज और खुद अपना नुकसान कर रहे है।
शहीद दिवस- 23 मार्च 1931
लेखक- लव तिवारी
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