बुधवार, 21 अक्टूबर 2020

बोला का बा, हमरे गाँव में का बा। (प्रधानी चुनाव के सन्दर्भ में) - लव तिवारी

बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।
प्रधान होला केहू
केहू मोहर मारेला
पैसा होला जनता के
केहू कुरता पैजामा झारेला
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।

नारी बजबजात बा
सफाई कर्मी ठठात बा
रोज न फेरा लागे जिनकर
पैंतीस हज़ार जे कमात बा
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।

दारू अब दवाई जईसन
जुवा खेले लइकवा गईनन
घर में खाएके जेकरा नइखे
ओकरा के जुवा मिठाई जईसन
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।

प्रधानी अब आइल देख
प्रत्याशी लोग के बौराइल देख
झूठ मुठ के वादा करके
फिर जनता भरमाईल देखब
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।

गढ़ही में पानी के जगह पर
गांव के कूड़ा करकट जमलस
घर दुवार के छोड़कर लोगवा
ओकरा ऊपरा माटी पटलस।
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।

गरीबन कार्ड धारक के चाऊर
दोकनिया पर बेचाला,
बेच के एकरे पैसा से,
कतरनी चाउर किनाला,
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।

फर्जी काम नरेगा में,
रोज देखावल जाला,
काम करे केहू, केहू के,
झूठही हाज़री भरल जाला
बोला का बा, हमरे गाँव में का बा।
हर गांव की यह बिडम्बना
लव तिवारी






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