शुक्रवार, 8 मई 2020

दोनो के दिल हैं मजबूर प्यार से - मजरूह सुल्तानपुरी


दोनो के दिल हैं मजबूर प्यार से
हम क्या करें मेरी जाँ तुम क्या करो मेरी जाँ

हम तो सनम तुमको चाहे उम्र भर देखें
दिल की प्यास कहती है और एक नज़र देखें

देखों हमारा भी हाल हरदम तुम्हारा ख़याल
दिल में उठाता हैं तूफ़ान हम क्या करें

लेकर तुम्हारा नाम ऐसे खोए रहते हैं
आज हमको दीवाना हँसके लोग कहते हैं

जिस दिल में होता हैं प्यार कैसे ना हो बेक़रार
ये दिल अगर हैं परेशान हम क्या करें



-मजरूह सुल्तानपुरी






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