गुरुवार, 7 मई 2020

मौत के डर से जिंदगी की बस कदर ही ना रही- लव तिवारी

मौत के डर से जिंदगी की बस कदर ही ना रही।
कैसे संभले इस दौर से इसकी किसीको न फिक्र रही।

आदमी में हैवानियत की प्यास इन कदर मौजूद है।
पीने को शराब चाहिए, चाहे घर मे खाने को अन्न नही।।

इस बात को जानकर जो घूमते है बेख़ौफ़ सड़को पर।
कोई उनको भी समझाये जिनके पास रहने को घर नही।।

इंसान बस केवल एक आदत से परेशान है आज कल।
जो कल तक सैर पर थे उनको घूमने को जगह ना रही।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 7-मई-2020

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