बुधवार, 22 अप्रैल 2020

राजस्थान के सीकर में क्वॉरेंटाइन के दौरान मजदूर ने की स्कूल की साफ सफाई और पेंटिंग- लव तिवारी

राजस्थान के सीकर में एक गांव के हाईस्कूल में विभिन्न जगहों से आए मजदूरों को क्वॉरेंटाइन में रखा गया था । हम सब जानते है देश ही नही पूरा विश्व इस भयानक महामारी से जुझ रहा है। शहर में रहने वाले गांव के मजदूर को 14 दिन के लिए क्वॉरेंटाइन में रखा गया था

मजदूरों ने देखा कि लम्बे समय से स्कूल की पेंटिंग नहीं हुई है, साफ सफाई नहीं हुई है। तब उन मजदूरों ने गांव के सरपंच के सामने पेंटिंग करने का प्रस्ताव रखा। गांव केे सरपंच ने इन मजदूरों की बात मानकर सारे वस्तुओं की व्यवस्था कर दी जैसे चुना ब्रश पेंट इत्यादि और उन मजदूरों ने अपने क्वॉरेंटाइन के दौरान पूरे स्कूल की शक्लो सूरत बदल दी और इसके लिए उन्होंने कोई पैसा नहीं लिया। बल्कि सरपंच से कहा कि हम यहां पर हैं मुफ्त में खा रहे हैं तब हमारा फर्ज है कि हम कुछ न कुछ इस स्कूल को दें।एक ओर ये मजदूर हैं जिन्हें सरकारी स्कूल की इतनी चिंता है दूसरी ओर वे हैं जो सरकारी धन से ऐश कर रहे हैं और सरकारी स्कूलों को बंद करने की नीतियां बना रहे हैं। कुछ तो सीखो इन मजदूरों से ओ नीति के निर्माताओं

इन मजदूरों को इस बात का पता है जहाँ देश के विभिन्न सरकारी संस्थओं द्वारा देश के बचाव के लिए विभिन्न तरह के प्रयास किये जा रहे है। जैसे पुलिस बल द्वारा अनुसासन एवम लोगो घर में लोगो के रहने के निगरानी का दायित्व के साथ कई अहम कामों को बखूबी अंजाम दिया है । वही दूसरी ओर रोगियों के इलाज के कार्य को करते हुए डॉक्टर नर्स एवं अस्पताल के अन्य कर्मचारियों के योगदान को भी नही भुलाया जा सकता। इन सभी बातों को ध्यान में रखकर इन मजदूरों ने अपने समय का सदुपयोग कर इस सामजिक योगदान को पूर्ण रूप से पूरा किया। हम सभी एवं समाज के अन्य लोगो को भी इन मजदूरों से बहुत कुछ सीखने और समझने की जरूरत है।

लेखक- लव तिवारी
युवराजपुर ग़ाज़ीपुर उत्तर प्रदेश




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