शनिवार, 4 जनवरी 2020

छुटी जाइ जगवा के जेतना झमेल बा- गोपाल राय

अरे आइल अकेल तोहके जायके अकेल बा
छुटी जाइ  जगवा के जेतना झमेल बा
छुटी जाइ जगवा के...

कितनो तू सईहरब बाकी अंत समय आवेला
ये जिनगी के दियना फिर लुपुर झुपर ताके ला
उतने जरेला जेतना ओकरा में तेल बा
छुटी जाइ जगवा के...
अइले अकेल तोहके......

जिनगी ह स्टेशन एगो चहल पहल बा भारी
हरियर झंडी गार्ड देखवलस चले का बा तैयारी-2
सुन सुन लागेला अब त छूट गइल रेल बा
छुटी जाइ जगवा के...
अइल अकेल तोहके......

पहिला बचपन दूसरा जवानी जे पर सब अगराला
तीसरे चढल बुड़वती मनवा कांप कांप रही जाले
इहे तीन घंटा वाला जिनगी के खेल बा 
छुटी जाइ जगवा के...
अइले अकेल तोहके

इंतिहान में पास भईल जो राम राम गोहरवलस
माया ठगनी ए दुनिया पल पल नाच नचवलस
हँसे वाले एकरा में जीरो पा के फेल बा
छुटी जाइ जगवा के...
अइले अकेल तोहके

छूट जाई जगवा......
अइले अकेल तोहके

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