गुरुवार, 26 सितंबर 2019

जरा देर से आते हो, दिल सहम सा जाता है। पल भर के इस दौर को, बरसों की तरह लग जाता है- लव तिवारी

जरा देर से आते हो, दिल सहम सा जाता है।
पल भर के इस दौर को, बरसों की तरह लग जाता है।।

इतनी बेचैनी न थी,और पागलपन भी कभी नही।
तुमसे मिलने के थोड़े देर से, जान निकल सा जाता है।।

क्या जानो तुम मेरे दर्द को,ना समझो इस बिरहन को।
आते जाते तेरे ख़यालो में, बस दिन गुजर सा जाता है।।

अपनी बेताबी किससे कहे, तुम ही तो हो मेरे साजन।
सजनी की इस बात को समझो, जीवन फिर नही आता है।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 26-सिंतम्बर-2019


बुधवार, 18 सितंबर 2019

बहुत तलाश किया तुम्हें तुम्हारे जाने के बाद मिलता नही कोई फिर बिछड़ जाने के बाद- लव तिवारी

बहुत तलाश किया तुम्हें, तुम्हारे जाने के बाद।
मिलता नही कोई फिर, बिछड़ जाने के बाद ।।

मुझको भी चाहिए हमेशा, तुम्हारे रुख का दीदार हो ।
सफर ऐसे ही गुजर जाती है, बसअफ़साने के साथ ।।

क्या खता हुई जो तुम, इतना बदल गए ।
छोड़कर जाना था, तो जाते मेरे मरने के बाद ।।

आदमी हूँ मुझको भी, मोहब्बत की जरूरत है।
क्यो बदले तुम एकाएक, मुझें इतना चाहने के बाद।।

अब नही होगा किसी गैर से, मुझको मोहब्बत।
बदन ओढ़ लेगा कफ़न, तुम्हारे हसरतों के बाद।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 18-सितम्बर-2019
ब्लॉग- www.lavtiwari.blogspot.com




रविवार, 15 सितंबर 2019

क्यो हिंदू और मुसलमान बना फिरता है इंसान की आड़ में हैवान बना फिरता है - लव तिवारी

क्यो हिंदू और मुसलमान बना फिरता है ।
इंसान की आड़ में,हैवान बना फिरता है ।।

कुछ नहीं होगा इस जहाँ में मजहबी बनकर ।
शहर के गलियारों में, शैतान बना फिरता है ।।

राजनीति किसी की नही, जो तेरे साथ होगी ।
क्यों नेताओं का तू, फ़रमान बना फिरता है ।।

अब भी वक़्त है चलो, एक होकर मिलकर रहे ।
क्यों तू अपने कौम की भगवान बना फिरता है ।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 15- सितंबर-2019
संपर्क सूत्र- +91-9458668566


शुक्रवार, 6 सितंबर 2019

समुद्र की कहानी - लव तिवारी

समुद्र की गहराइयों से हटकर समुद्र की एक प्रेरणा युक्त कहानी , समुद्र के किनारे जब एक लहर आया तो एक बच्चे का चप्पल ही अपने साथ बहा ले गया| बच्चा रेत पर अंगुली से लिखता है "समुद्र चोर है"| उसी समुद्र के एक दूसरे किनारे कुछ मछुआरे बहुत सारे मछली पकड़ लेते  और उनसे उनका व्यवसाय एवम धन अर्जित करते हैं|  वह उसी रेत पर लिखता है "समुद्र मेरा पालनहार है"| एक युवक समुद्र में डूब कर मर जाता है| उसकी मां रेत पर लिखती है "समुद्र हत्यारा है"| एक दूसरे किनारे एक गरीब बूढ़ा टेढ़ी कमर लिए रेत पर टहल रहा था| उसे एक बड़े सीप में एक अनमोल मोती मिल गया| वह रेत पर लिखता है "समुद्र दानी है"| अचानक एक बड़ी लहर आता है और सारे लिखा मिटा कर चला जाता है| लोग जो भी कहे समुद्र के बारे में लेकिन विशाल समुद्र अपनी लहरों में मस्त रहता है| अपने उफान और शांति वह अपने हिसाब से तय करता है| अगर विशाल समुद्र बनना है तो किसी के निर्णय पर अपना ध्यान ना दें| जो करना है अपने हिसाब से करें| जो गुजर गया उसकी चिंता में ना रहे| हार जीत, खोना पाना, सुख-दुख, इन सबके चलते मन विचलित ना करें| अगर जिंदगी सुख शांति से ही भरा होता तो आदमी जन्म लेते समय रोता नहीं| जन्म के समय रोना और मरकर रुलाना इसी के बीच के संघर्ष भरा समय को जिंदगी कहते हैं|



वाहन चलान से पीड़ित व्यक्ति की अभिव्यक्ति -लव तिवारी

इसका जुर्म का जुर्माना कौन भरेगा
धरती पर हो रहे अन्याय कौन सहेगा

अगर मौत मिल जाये खराब सड़कों से
खूबसूरत जिंदगी का हरजाना कौन भरेगा

चालान ऐसा की वेतन भी शर्मा जाये
घर मे भूखे बच्चो का निवाला कौन भरेगा

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 06- सितंबर-2019