गुरुवार, 26 सितंबर 2019

जरा देर से आते हो, दिल सहम सा जाता है। पल भर के इस दौर को, बरसों की तरह लग जाता है- लव तिवारी

जरा देर से आते हो, दिल सहम सा जाता है।
पल भर के इस दौर को, बरसों की तरह लग जाता है।।

इतनी बेचैनी न थी,और पागलपन भी कभी नही।
तुमसे मिलने के थोड़े देर से, जान निकल सा जाता है।।

क्या जानो तुम मेरे दर्द को,ना समझो इस बिरहन को।
आते जाते तेरे ख़यालो में, बस दिन गुजर सा जाता है।।

अपनी बेताबी किससे कहे, तुम ही तो हो मेरे साजन।
सजनी की इस बात को समझो, जीवन फिर नही आता है।।

रचना- लव तिवारी
दिनांक- 26-सिंतम्बर-2019


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